ब्लॉक के पास खुद का कार्यालय नहीं, कैसे करवाएं विकास
पूर्व उमर सरकार ने वर्ष 2014 में नई प्रशासनिक इकाईयों का गठन कर लोगों को उनके द्वार पर ही ब्लॉक और तहसील की सुविधा देने का प्रयास किया था। इसके चलते बिलावर के दो ब्लॉक बिलावर और लोहाई मल्हार का पुर्नगठन कर छह ब्लॉक बनाये गए। तहसील बिलावर का भी पुर्नगठन कर तीन तहसीले बनाई गई जबकि बिलावर के कुछ पंचायतों को काटकर नई बनी महानपुर तहसील से जोड़ा गया।
By JagranEdited By: Updated: Wed, 19 Feb 2020 10:34 PM (IST)
करूण शर्मा, बिलावर: पूर्व उमर सरकार ने वर्ष 2014 में नई प्रशासनिक इकाईयों का गठन कर लोगों को उनके द्वार पर ही ब्लॉक और तहसील की सुविधा देने का प्रयास किया था। इसके चलते बिलावर के दो ब्लॉक बिलावर और लोहाई मल्हार का पुर्नगठन कर छह ब्लॉक बनाये गए। तहसील बिलावर का भी पुर्नगठन कर तीन तहसीले बनाई गई, जबकि बिलावर के कुछ पंचायतों को काटकर नई बनी महानपुर तहसील से जोड़ा गया।
पूर्व भाजपा-पीडीपी सरकार ने उन्हें ढांचागत सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए भी नहीं सोचा। बीडीओ को आज अपनी इमारत तक नसीब नहीं हो पाई है, जबकि तीन बीडीओ के सहारे छह ब्लॉक के विकास की जिम्मेदारी है। तीन ब्लॉकों की जिम्मेदारी कार्यवाहक के सहारे चल रहा है, सरकारी उपेक्षा के कारण बिलावर में बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था जुगाड़ सिस्टम के सहारे चल रही है जो जुगाड या फिर किराये के मकानों में दफ्तर चल रहें है, जिन्हें अपनी इमारत नसीब होने के लिए न जाने और कितना समय लगेगा। यह बताना अभी संभव नहीं है। किशनपुर बिलावर के पूर्व सरपंच डॉ. नरेंद्र वैद, पूर्व सरपंच अपर बग्गन सुरेश कुमार, पूर्व सरपंच लोअर बग्गन कृष्ण चंद आदि ने कहा कि सरकार को चाहिए कि बीडीओ और नियाबत को उन्हें भवन मुहैया करवाई जाए। इसके लिए सरकार को अलग से फंड जारी करने चाहिए। बहरहाल, वर्ष 2014 में बिलावर और लोहाई मल्हार ब्लॉक का पुर्नगठन कर बनाये गए छह ब्लॉक में नगरोटा गुज्जरू, डुग्गैनी मांडली, बिलावर, बग्गन और मल्हार ब्लॉक बने, जिनमें से नगरोटा गुज्जरू और मांडली बीडीओ डुग्गैनी का कार्यालय किराये के मकानों में चल रहा है। डुग्गैनी व बग्गन बीडीओ के कार्यालय बिलावर बीडीओ कार्यालय में बने दो कमरों से ही पिछले छह सालों से चल रहे है। तीन तहसील बिलावर, रामकोट के पास अपनी इमरात है, लेकिन लोहाई मल्हार तहसीलदार का दफ्तर बिलावर तहसील मुख्यालय से ही चल रहा है, जबकि नायब तहसीलदार मांडली, नगरोटा, बग्गन के पास भी अपनी इमारत नहीं है। वह भी जुगाड कर चल रहे हैं। इस तरह कहा जा सकता है कि दूसरों का विकास करने वाले के पास अपनी इमारत तक नहीं है। अगर बीडीओ ब्लॉक की बात करें तो हर ब्लॉक के पास विकास के लिए बीस से पचीस करोड़ का सालाना बजट होता है, लेकिन पंचायतों के विकास की जिम्मेदारी संभालने वाले बीडीओ के पास अपनी इमारत तक नहीं है।
बाक्स---- कार्यभार के सहारे चल रहा दफ्तर
ब्लॉक-वर्तमान स्थिति- प्रभार बिलावर-मौजूद नगरोटा- रिक्त-बिलावर बीडीओ के पास मांडली-मौजूद डुग्गैनी-रिक्त-मांडली बीडीओ के पास बग्गन-रिक्त-महानपुर बीडीओ के पास लोहाई मल्हार-मौजूद-29 फरवरी को सेवानिवृत होने वाले कोट्स--- सरकार के पास हर माह की रिपोर्ट होती है। उनका प्रयास रहता है व्यवस्था को बेहतर तरीके से चलाया जाए, ताकि जनता को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो। - संदेश कुमार शर्मा, एडीसी, बिलावर।
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