Kathua Encounter: सीमा से लगे गांवों में 14 KM तक जवानों का पहरा, हर गतिविधि पर पैनी नजर; आसान नहीं आतंकियों का बचना
कठुआ आतंकी हमले के बाद सुरक्षाकर्मी दिन-रात एक कर आतंकियों की तलाश में जुटे हैं। पहाड़ों से लेकर घने जंगलों में सुरक्षाबलों का पहरा है। इस बीच सीमावर्ती के गांवों में 14 किलोमीटर तक जवान हर गतिविधि पर पैनी नजर बनाए रखें हैं। उन रूटों पर खासतौर से निगरानी रखी जा रही है जहां से आंतिकयों ने प्रवेश किया था।
संवाद सहयोगी, हीरानगर। बिलावर के बदनोता क्षेत्र में सेना के वाहन पर हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से लेकर नेशनल हाईवे तक सुरक्षा प्रबंधों को कडा कर दिया है।
ओल्ड सांबा कठुआ मार्ग पर बॉर्डर पुलिस चौकियों के अंतर्गत आते मुख्य चौक चौराहों पर नाके लगा कर पुलिसकर्मी रात के समय नाकेबंदी के साथ दिन में भी सीमावर्ती क्षेत्र में आने वाले वाहनों की जांच कर रही है।
14 KM तक BSF जवानों का पहरा
वहीं अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ के जवान दिन रात तारबंदी के आगे सीमा पार की गतिविधियों पर बराबर नजर रखे हुए हैं। सीमावर्ती गांवों को जोड़ने वाली पहाड़पुर से लोंडी तक गांवों को जोड़ने वाली 14 किलोमीटर सड़क पर भी बीएसएफ के जवान जगह- जगह नाके लगाकर दिन रात पहरा दे रहे हैं।
खासकर उन जगहों पर जो पहले घुसपैठ के रूट हुआ करते थे। गौरतलब है कि पंजाब की सीमा के साथ लगते कोट पुन्नू, हरियाचक, मढीन, लच्छीपुर, चकडा, सन्याल, शेरपुर में पहले ही बॉर्डर चौकियां बनाई गई है।
अब सुरक्षा कवच को मजबूत करने के लिए बोबिया के पास पाटी मेरू और महाराजपुर में भी दो नई पुलिस चौकियों का निर्माण कार्य चल रहा है।
8 जुलाई को हुआ था सेना पर आतंकी हमला
आठ जुलाई को कठुआ जिले में आतंकियों ने हमला किया था। इस हमले में पांच जवान बलिदान हो गए थे। जबकि इतने ही जवान घायल हो गए थे। आतंकियों की तलाश के लिए सेना और पुलिस का सर्च अभियान जारी है।
बीच-बीच में आतंकियों के होने की खबर भी मिली और सुरक्षाबल तथा आतंकियों के बीच गोलीबारी भी हुई। ज्ञात हो कि जम्मू संभाग में पिछले कुछ समय से आतंकी वारदात बढ़ गई हैं। अमरनाथ यात्रा को देखते हुए सुरक्षा के इंतजाम भी पुख्ता किए गए हैं।
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