फंड जारी होने पर भी जुथाना पुल का निर्माण कार्य अधर में
राकेश शर्मा कठुआ दो माह पहले फंड जारी होने के बाद भी जुथाना पुल का निर्माण कार्य अभी
By JagranEdited By: Updated: Mon, 15 Mar 2021 05:56 PM (IST)
राकेश शर्मा, कठुआ: दो माह पहले फंड जारी होने के बाद भी जुथाना पुल का निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं होने से ग्रामीणों को आगामी दिनों में होने वाली बरसात की चिता सताने लगी है। ग्रामीणों का कहना है कि फंड के बाद भी कोई भी निर्माण एजेंसी कार्य शुरू करने की हरकत नहीं दिख रही है। ऐसे में उन्हें इस बरसात में भी बहते दरिया से जान जोखिम में डाल कर गुजरना पड़ेगा।
गौर हो कि पुल का निर्माण कार्य वर्ष 2019 में ही पूरा हो जाना था, लेकिन फंड के अभाव में जम्मू कश्मीर परियोजना निर्माण एजेंसी पुल निर्माण का कार्य आगे नहीं बढ़ा सकी। अब जब दो माह पहले सरकार ने फंड जारी करने की घोषणा कर दी है तो उसके बाद भी निर्माण कार्य स्थल पर कोई गतिविधि शुरू नहीं हुई है। ऐसे में निर्माण एजेंसी की सुस्त कार्यप्रणाली से एक बार फिर 10 हजार आबादी को आने वाली बरसात का डर सताने लगा है, क्योंकि पुल के अभाव में जुथाना व लाड़ी पंचायत के लोगों का जीवन अभिशाप बना हुआ है। कई दशकों से लोग पुल बनने का सपना देख रहे हैं, अब जब पांच साल पहले इसका निर्माण शुरू हुआ तो नई जिदगी की उम्मीद जगी। इसके बाद भी निर्माण एजेंसी ग्रामीणों को तड़पा तड़पा कर सुविधा देने का कार्य किए हुए है। करीब 45 करोड़ की लागत से बन रहे 500 मीटर लंबे पुल का निर्माण उज्ज दरिया पर वर्ष 2016 से शुरू किया गया है, जिसमें 13 पिल्लर बन भी चुके हैं, चार पर स्लैब भी पड़ चुकी है, लेकिन पुल पर स्लैब से ज्यादा निर्माण दोनों ओर पर 1800 मीटर एप्रोच रोड का बड़ा कार्य शेष बचा हुआ है जो एक सिरे जखोल से जुड़ कर दूसरे सिरे जुथाना से जोड़ना है। इस पुल का निर्माण कार्य करीब डेढ़ साल से फंड के अभाव में बंद पड़ा था, लेकिन सरकार ने गत 9 जनवरी को पुल के निर्माण के लिए फंड जारी कर दिए हैं, जिससे लोगों को इस बरसात से पहले पुल का निर्माण होने की उम्मीद जगी, लेकिन कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है। कोट्स--
गांव जुथाना पुल बनाने का सपना दिखाते हुए सरकार ने पहले चार दशक लगा दिए, अब जब शुरू हुआ है तो कई साल निर्माण को लगा दिए है। इसका निर्माण दो साल पहले पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन फंड जारी नहीं कर गांववासियों को फिर इसी मुसीबत में झेलने को छोड़ दिया। तेजी से विकास और पर्याप्त फंड के दावे करने वाली सरकार के कार्यकाल में भी देरी से निर्माण कार्य होने पर लोगों को परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। -हरी सिंह, प्रधान, नेकां, कंडी ब्लाक। कोट्स---
फंड होते हुए भी पुल का निर्माण दो माह बीत जाने के बाद भी शुरू नहीं करना जनता को सुविधाएं देने में इससे बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है। ऊपर से बरसात फिर आने वाली है। ऐसे में अब तक काम शुरू हो जाना चाहिए था, क्योंकि इस बार बारिश कम हुई है। कम बारिश के कारण पुल का निर्माण तेजी से किया जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। लोग फिर बरसात से पहले पुल का निर्माण पूरा नहीं होने पर आशंकित है। -सागर सिंह, स्थानीय ग्रामीण। कोट्स--- जुथाना पुल उनके लिए नई जिदगी लाने वाला है। पुल के अभाव में आधे से ज्यादा आबादी गांव छोड़ कर शहरों या दूसरे गांवों में चली गई है। बरसात में तीन माह तक जुथाना की 10 हजार आबादी जिला व देश से कट जाती है, एक टापू पर रहने को मजबूर होते हैं। पुल के अभाव में बहते पानी से गुजरने से 3 दर्जन लोग इसमें जीवन गवा चुके हैं, इससे साफ अनुमान लगाया जा सकता है कि ये पुल उनके लिए कितना अहम है। यहां जिदगी और मौत साथ-साथ चलती है। -मोहन सिंह, स्थानीय ग्रामीण कोट्स---बाक्स-- फंड के अभाव में रुके जुथाना पुल का अब जल्द कार्य शुरू होगा। इसके लिए फंड जारी हो चुके हैं। संबंधित निर्माण एजेंसी को फिर से निर्माण शुरू करने के लिए कहा गया है, बरसात से पहले पुल का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है। -विनोद गुप्ता, उप महाप्रबंधक, जम्मू कश्मीर परियोजना निर्माण एजेंसी, कठुआ।
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