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Kathua Encounter: आतंकी हमले की जांच का जिम्मा NIA को मिला, एजेंसी की स्पेशल टीम पहुंची कठुआ

कठुआ में सैन्य वाहनों पर हुए आतंकी हमले की जांच में जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ एनआईए भी सहयोग करेगी और इसी के चलते केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपनी एक विशेष टीम को कठुआ पहुंच चुकी है। वहीं आतंकियों की तलाश में जुटे सुरक्षाबलों का अभियान दूसरे दिन भी जारी रहा और कठुआ के पहाड़ी क्षेत्रों से लेकर ऊधमपुर के बसंतगढ़ तक जंगल व पहाड़ में छापेमारी की गई।

By Jagran News Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Wed, 10 Jul 2024 12:12 AM (IST)
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कठुआ आतंकी हमले की जांच करेगी NIA की स्पेशल टीम

जागरण टीम, कठुआ। Kathua Terrorist Attack एनआईए कठुआ में सैन्य वाहनों पर हुए आतंकी हमले की जांच में जम्मू-कश्मीर पुलिस का सहयोग करेगी। एनआईए ने अपनी एक विशेष टीम को कठुआ भेज दिया है। इस बीच, आतंकियों की तलाश में सुरक्षाबलों का अभियान दूसरे दिन भी जारी रहा।

सुरक्षाबल कठुआ के पहाड़ी क्षेत्रों से लेकर ऊधमपुर के बसंतगढ़ तक जंगल व पहाड़ छान रहे हैं। सर्च आपरेशन में सेना, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस, एसओजी (स्पेशल आपरेशन ग्रुप) और पैरा कमांडो भी जुटे हैं। हेलीकाप्टर और ड्रोन की भी मदद ली जा रही है, हालांकि देर शाम तक आतंकियों का कोई सुराग नहीं लगा था।

पुलिस महानिदेशक और एडीजीपी ने लिया घटनास्थल का जायजा

वहीं, जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन और एडीजीपी आनंद जैन ने घटनास्थल का जायजा लिया। इस बीच, आतंकी हमले में बलिदान हुए जेसीओ समेत पांचों सैनिकों के पार्थिव शरीर हेलीकाप्टर से पठानकोट भेजे गए। हमले में घायल पांच जवानों को भी पठानकोट में सैन्य अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

आतंकियों ने कठुआ की बिलावर तहसील के बदनोता में सोमवार को हमला किया था। इसके बाद आतंकी भाग निकले थे। यह क्षेत्र ऊधमपुर के बसंतगढ़ से सटा हुआ है, वहां भी पिछले कुछ समय से आतंकी गतिविधियां बढ़ीं हैं। इसलिए सेना व अन्य सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान का दायरा पूरे क्षेत्र में बढ़ा दिया है।

इस बीच, पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन ने एडीजीपी आनंद जैन व एडीजीपी (कानून व्यवस्था) विजय कुमार ने पुलिस और सेना के अधिकारियों के साथ बैठक की और जरूरी दिशा निर्देश दिए। वहीं, तलाशी अभियान को अंधेरा होने के कारण अगले दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।

सैन्य वाहनों के आगे आ गया था तेज रफ्तार टिप्पर

सूत्रों के अनुसार, हमले से पहले सेना के वाहन जब बदनोता में जेंडा नाला क्षेत्र की तरफ जा रहे थे तो अचानक सामने से एक तेज रफ्तार टिप्पर आ गया था। इसके चलते सैन्य वाहनों की गति धीमी हो गई और तभी आतंकियों ने घात लगाकर हमला कर दिया।

यह टिप्पर कैसे और क्यों सेना के वाहनों के आगे आया। आतंकियों की गोलीबारी में टिप्पर को कोई गोली क्यों नहीं लगी। हमले के बाद चालक टिप्पर लेकर कहां चला गया। इन सब सवालों से अंदेशा जताया जा रहा है कि हमले के षड्यंत्र में कुछ स्थानीय लोग शामिल हो सकते हैं।

आतंकी हमले से पहले बार-बार दिख रहे थे संदिग्ध

पिछले एक माह से बिलावर के कई क्षेत्रों में स्थानीय लोगों द्वारा संदिग्ध देखे जाने की सूचना मिल रही थी। करीब 20 दिन पहले वार्ड नंबर दो में एक महिला ने पुलिस स्टेशन जाकर जानकारी दी थी कि दो संदिग्ध लोगों ने उसे रोका और पूछा कि तुम्हारे पास खाने के लिए कुछ है।

जब उसने बताया कि मेरे पास कुछ नहीं है तब उन्होंने बोला कि घर से ला सकती हो। इसके बाद उसी दिन एक युवक ने भी पुलिस स्टेशन में इस बारे में जानकारी दी कि उसने कुछ संदिग्ध लोगों को जंगल में जाते हुए देखा है।

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