Kathua News: RSS सरसंचालक मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों को बताया अनुशासन का महत्व, कहा- 'मिलती है आंतरिक मजबूती'
Mohan Bhagwat in Kathua कठुआ के स्पोर्ट्स स्टेडियम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंचालक मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि सनातन धर्म में सुख सुविधा को भौतिकता से पाने की बजाय आंतरिक अभ्यास से हासिल करने का प्रयास करें। शाखा में बार-बार आने से ही आपने अनुशासन और विचारधारा आएगी जिससे आप आंतरिक रूप से मजबूत होंगे।
जागरण संवाददाता, कठुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंचालक मोहन भागवत ने कठुआ के स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित स्वयंसेवक एकत्रीकरण कार्यक्रम में पहुंचे, जहां उन्होंने कहा कि भारत इस समय विश्व का नेतृत्व करने में सक्षम बनने की ओर है। ऐसा जी 20 सम्मेलन के दौरान विश्व समुदाय ने भी माना है इसलिए देशवासी भारत की प्राचीन संस्कृति सनातन के तहत देश को मजबूत बनाने के लिए एकजुटता दिखाएं।
उन्होंने आगे कहा कि अपनी सुख सुविधा को भौतिकता से पाने की बजाय इसे अपने अंदर से अभ्यास करने का प्रयास करें। ऐसा सनातन धर्म में व्यावहारिक रूप से पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में सब सुविधा होते हुए भी आज भी शांति नहीं है जिसका कारण भी यही है कि लोग शांति को भौतिकतावादी से देखते हैं जबकि शांति अपने अंदर से पाई जा सकती है।
सनातन धर्म मानव को मानता है अपना: मोहन भागवत
सरसंचालक मोहन भागवत ने कहा कि सनातन धर्म मानव को अपना मानता है। इसलिए भारत में रहने वाले सभी लोग चाहे वह किसी भी धर्म के हो उन्हें अपना ही मानता है, कोई कैसे किसी को मानता है, इससे कुछ लेना देना नहीं है बल्कि संघ की विचारधारा में जो राष्ट्रवादी है, वही अपना है। इसलिए आपसी झगड़ा खासकर धर्म के नाम पर देश में नहीं होने चाहिए। सबको एक मानना चाहिए और एकजुट होकर हर राष्ट्र की मजबूती के लिए हमें मजबूत बना है। यही संघ की विचारधारा है और इसलिए संघ जगह-जगह शाखा लगाकर अपने स्वयं सेवकों को मजबूत बनाने का प्रयास करता है।
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शाखा में अनुशासन और विचारधारा का मिलता असली अभ्यास
उन्होंने यह भी कहा कि शाखा में बार-बार आने से ही आपके यहां के अनुशासन और विचारधारा का असली अभ्यास होगा, जितना बार-बार अभ्यास करोगे उतना ही आप मजबूत होंगे। उन्होंने कहा की सनातन के आधार पर दुनिया चलती है। भारत माता के सभी सबूत अपने भाई हैं। समाज में संतुलन होता है भारत दुनिया को दिखाने के लिए रास्ता है भारत के पास अपना दृष्टि कौन है।
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