Move to Jagran APP

Jammu News: एक्सप्रेस-वे के निर्माण को लेकर तोड़े जाएंगे मंदिर, साधु समाज ने जताई आपत्ती... चर्चा के बाद शुरू होगी कार्य प्रक्रिया

दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे के निर्माण को पूरा करने का तय लक्ष्य वर्ष 2024 सितंबर है और इसके निर्माण कार्य को देखते हुए इसमें तेजी ला दी है। बता दें कि निर्माण कार्य को पूरी गति देते हुए हाइवे अथॉरिटी ने पहले घरों दुकानों और कई संस्थानों के बाद अब निर्माण की जद में आ रहे किनारे मंदिरों को भी तोड़ने की तैयारी है। जल्द ही एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य शुरू होगा।

By rakesh sharma Edited By: Shoyeb AhmedUpdated: Wed, 07 Feb 2024 11:57 PM (IST)
Hero Image
एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए तोड़े जाएंगे मंदिर (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, कठुआ। Delhi-Amritsar-Katra Expressway Construction: वर्ष 2024 सितंबर में दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे के निर्माण को पूरा करने का तय लक्ष्य को देखते हुए और तेजी ला दी है। जिससे निर्माण कार्य को पूरी गति देते हुए हाइवे अथॉरिटी ने पहले घरों, दुकानों और कई संस्थानों के बाद अब निर्माण की जद में आ रहे किनारे मंदिरों को भी तोड़ने की तैयारी कर दी है।

लाखों लोगों की आस्था के केंद्र मंदिरों को तोड़ने की तैयारी की भनक लगते ही साधु धर्म स्थान सुरक्षणी समिति उनके असितत्व को बनाये रखने के लिए आगे आ गया है।

साधु समाज ने जताई आपत्ति

इसलिए लाखों लोगों और हजारों साधुओं की इनसे जुड़ी आस्था को देखते हुए अभी तक अथॉरिटी ने मंदिरों को तोड़ने के लिए खुद हाथ नहीं लगाया है, जहां भी तोड़ने की कोशिश की व वहां साधु समाज ने आपत्ति जताई और प्रशासन ने हस्तक्षेप करके मंदिरों को छोड़कर आसपास निर्माण जारी रखा।

अब लेकिन निर्माण को 2024 को पूरा करने की जा रही तैयारी के बीच कार्य को और फुल गति देने के लिए मंदिर तोड़ने के सिवाये कोई चारा नहीं बचा है। ऐसे में हाइवे अथॉरिटी बिना लोगों और साधुओं की सहमति से उन्हें तोड़ने की हिम्मत नहीं कर रहा है, अथॉरिटी को भी शायद मालूम है कि अगर खुद तोड़ा तो आस्था के कारण लोग या साधु समाज भड़क न जाए।

निर्माण में आई तेजी एजेंसी के लिए बनी रोड़ा

वहीं निर्माण में आई तेजी से मंदिर अब निर्माण एजेंसी के लिए रोड़ा बन गए हैं, ऐसे में अब जल्द मंदिर तोड़ने की तैयारी है। कठुआ जिला में ऐसे आठ के करीब मंदिर और समाधियां हैं, जो अब तोड़े जाने हैं। इसी तरह सांबा जिला में भी दर्जन के करीब मंदिर ,आश्रम और समाधियां हैं। इनमें से कुछ को तोड़ा जाना है तो कुछ की खाली जगह आ रही है।

साधु समाज ने कही ये बात

मंदिरों की पहचान बनी रहें और लोगों की आस्था को भी चोट न लगे और सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना का निर्माण भी तय समय पर पूरा हो जाए को देखते हुए प्रशासन को उचित कार्रवाई के लिए साधु समाज आगे आया है। हालांकि प्रशासन ने साधुओं की चिंता और लोगों की आस्था के केंद्र रहे मंदिरों को तोड़ने की एवज में इससे बड़े मंदिर बनाने के लिए सरकार की ओर से फंड मिलने की बात कही है।

लेकिन तोड़ने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले उनसे जुड़े आस्था आदि कई मुद्दे हैं, जो साधु धर्म स्थान सुरक्षणी समिति जम्मू कश्मीर के अध्यक्ष मंहत रामेश्वर दास और कार्यकारी अध्यक्ष महंत राजेश बिट्टू जी ने कठुआ के डीसी के समक्ष रखे हैं। उन पर चर्चा होने के बाद ही मंदिर तोड़ने की प्रक्रिया शुरू होगी।

कठुआ जिले में ये मंदिर तोड़े जाएंगे

राजबाग स्थित होशियारी मोड़ में मंदिर के साथ दो समाधियां, छन्न अरोड़ियां में मंदिर की जगह, तालाब और समाधि, श्री अमरनाथ बाबा बर्फानी सेवा मंडल के लंगर भवन का प्रांगण, सांबा जिला का बाड़ियां स्थित कुलदीप शास्त्री द्वारा बनाई गई बजंरग बली की 50 फीट ऊंची मूर्ति, पटली मोड़ स्थित कुंए वाला आदि मुख्य मंदिर हैं।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।