कठुआ में सैन्य वाहनों पर आतंकी हमला, जेसीओ समेत पांच बलिदान; जैश के मुखौटा संगठन कश्मीर टाइगर्स ने ली जिम्मेदारी
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के सुदूर माछेदी इलाके में आतंकवादियों ने सेना के वाहनों पर गोलीबारी कर दी। इसमें सेना के पांच जवान बलिदान हो गए। वहीं पांच जवान घायल हैं। सेना पर हमले की बाद आतंकी फरार हो गए हैं। इसके लिए सेना ने कठुआ में हेलीकॉप्टर के जरिए पैरा कमांडो को उतारा है। फरार आतंकियों की तलाश जारी है।
जागरण संवाददाता, कठुआ। जम्मू संभाग में जून में लगातार चार दिन चार आतंकी हमलों के ठीक एक माह बाद आतंकियों ने सोमवार को कठुआ जिले में गश्त पर निकले दो सैन्य वाहनों पर घात लगाकर हमला कर दिया। पहाड़ी क्षेत्र में घनी धुंध के बीच छिपे आतंकियों ने पहले ग्रेनेड दागा और फिर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले में जेसीओ समेत पांच सैन्यकर्मी बलिदान व पांच अन्य घायल हो गए। हमले के बाद आतंकी भाग निकले। इसके बाद सेना ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कुछ ही देर में आतंकियों को घेर लिया और दोनों तरफ से गोलीबारी जारी है।
ड्रोन व खोजी श्वान की मदद ली जा रही है
मुठभेड़स्थल पर हेलीकॉप्टर से पैरा कमांडो भी उतारे गए हैं और ड्रोन व खोजी श्वान की भी मदद ली जा रही है। कठुआ के दूरदराज क्षेत्र में हुए इस हमले के बाद अतिरिक्त सुरक्षाबल भी भेजे गए हैं। सेना व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचकर ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं। इस बीच, घायल जवानों को बिलावर अस्पताल में प्राथमिक उपचार देने के बाद हेलीकॉप्टर से पठानकोट के सैन्य अस्पताल में भेज दिया गया है।
घात लगाए आतंकियों ने सैन्य वाहन पर हमला कर दिया
वहीं, देर रात जैश-ए-मोहम्मद के मुखौटा संगठन कश्मीर टाइगर्स ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। आतंकी हमला कठुआ शहर से करीब 150 किलोमीटर दूर बिलावर तहसील की बदनोता पंचायत में हुआ। दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे सेना के दो वाहन क्षेत्र में नियमित गश्त पर थे। सूत्रों के अनुसार, करीब चार आतंकी वहां जैंडा नाले के पास पहाड़ी पर पहले से ही घात लगाकर बैठे थे। जैसे ही सैन्य वाहन वहां से गुजरे आतंकियों ने हमला कर दिया। इस हमले में जेसीओ व चार जवान बलिदान व पांच घायल हो गए।
वहीं, हमले की सूचना मिलते ही आसपास स्थित सैन्य शिविरों के साथ जिला मुख्यालय से भी बड़ी संख्या में सुरक्षाबल घटनास्थल के लिए रवाना हो गए। क्षेत्र की घेराबंदी कर सभी रास्ते सील कर दिए गए हैं। स्थानीय लोगों को भी अलर्ट कर दिया गया है। सीमा पार से आने वाले आतंकियों का रहा है
पुराना रूट
कठुआ का लोहाई मल्हार क्षेत्र 1990 से 2004 तक आतंकी गतिविधियों का बड़ा केंद्र रहा है। सीमा पार से घुसपैठ कर आने वाले आतंकियों का यह पुराना रूट रहा है। आतंकी हीरानगर से बिलावर के रामकोट होते हुए लोहाई मल्हार, आगे ऊधमपुर जिला के खनोड़, गोरड़ी जाते थे। वहां से डोडा, किश्तवाड़ से कश्मीर जाने का भी आतंकियों का यह पुराना पहाड़ी रूट रहा है।
इस पूरे क्षेत्र में घने जंगल भी हैं, जहां आतंकी ठिकाना बनाकर रहते थे। आतंकियों ने 27 अक्टूबर, 2001 को लोहाई मल्हार में ही कटली रोड पर बारूदी सुरंग बिछाई थी, जिसकी चपेट में आने से पुलिस के एसडीपीओ देवेंद्र शर्मा बलिदान हो गए थे। वर्ष 2007 में इस पूरे क्षेत्र से आतंकियों का सफाया कर इसे आतंक मुक्त घोषित कर दिया गया। अब फिर इस क्षेत्र में आतंकी गतिविधियां बढ़ रही है।
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जम्मू संभाग में जून में चार दिन में चार आतंकी हमलों के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठकर बुलाकर आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के साथ जरूर दिशा-निर्देश भी दिए थे। इसके बाद जम्मू संभाग के पहाड़ी क्षेत्रों में कई जगह सेना को भी तैनात किया गया था। सैन्य वाहन पर ऐसे हमले पुंछ में आतंकी देते रहे हैंअंजाम :-
- 4 मई, 2024 : पुंछ में वायुसेना के वाहन पर हमला, एक जवान बलिदान व चार घायल
- 22 दिसंबर, 2023 : पुंछ के डेरागली में सैन्य वाहन पर हमला, पांच जवान बलिदान
- 18 अप्रैल, 2023 : पुंछ के संगयोट में सैन्य वाहन पर हमला, पांच सैनिक बलिदान जम्मू संभाग में जून में हुए थे चार हमले
- 9 जून : रियासी में शिवखोड़ी धाम से लौट रहे श्रद्धालुओं की बस पर आतंकियों ने हमला किया था, जिसमें नौ यात्रियों की मौत और 41 घायल हो गए थे।