Farooq Abdullah: पंजाबी भाषा और आतंकवाद को लेकर क्या बोल गए फारूक अब्दुल्ला, कहा- 'दोनों देश टेररिज्म पर करें वार्ता'
पुंछ में गुरुद्वारा खड़ी धर्मसाल के एक धार्मिक कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने पंजाबी भाषा को लेकर वकालत की। उन्होंने कहा कि स्कूलों में अन्य भाषाओं की तरह पंजाबी भाषा को भी विशेष दर्जा दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने आतंकवाद और पाकिस्तान को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दोनों देशों को इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए।
संवाद सहयोगी, पुंछ। जिले में गुरुद्वारा खड़ी धर्मसाल में एक धार्मिक कार्यक्रम में पहुंचे जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सिखों ने देश के लिए कुर्बानियां दी है और मानवता की सेवा एकता भाईचारे के लिए हमेशा कार्य किया है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से सिख गुरु की शिक्षाओं का पालन करने और सांप्रदायिक ताकतों को हराने के लिए शांति, समृद्धि, एकता और भाईचारे के लिए काम करने की अपील की।
सरकारी स्कूलों में एक पंजाबी भाषा का हो शिक्षक
वहीं, उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में गौजरी कश्मीरी, हिन्दी, उर्दू सहित पंजाबी भाषा को भी प्राथमिकता दी जाए। सरकारी स्कूलों में हर एक भाषा के साथ पंजाबी भाषा का शिक्षक होने चाहिए। यह भाषाएं कहीं दूसरे देशों से नहीं लाई गई हैं। भाषाएं हैं तो हम लोग जीवित हैं ये भाषाएं हमारी पहचान, हमारे शासन काल के दौरान स्कूलों में हर एक भाषा के शिक्षक थे।
आतंकवाद को लेकर कही ये बात
उन्होंने कहा कि पंजाबी भाषा सिखों की मां बोली भाषा है और यह स्कूलों में होनी चाहिए और सिख समुदाय की मांग भी रही है। डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने आतंकवाद पर पाकिस्तान के साथ वार्ता करने के अपने बयान को दोहराया और कहा कि आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान से वार्ता करके खत्म किया जा सकता हैं। दोनों देशों को मिलकर आतंकवाद को खत्म करना चाहिए तभी विकास होगा।ये भी पढ़ें: जम्मू कश्मीर में सियासी हाशिये पर खड़ी कांग्रेस ढूंढ़ रही अपना रोडमैप, विधानसभा चुनाव के लिए बना रही ये प्लान
राजौरी पुंछ आज भी पिछड़ा हुआ- फारूक अब्दुल्ला
वहीं, उनके साथ राजौरी पुंछ अनंतनाग निर्वाचन क्षेत्र के सांसद मियां अल्ताफ ने चुनावों में लोगों के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और आश्वासन दिया कि वे क्षेत्र और धर्म से ऊपर उठकर क्षेत्र और जनता की प्रगति के लिए काम करेंगे उन्होंने कहा कि 75 वर्ष हो गए हैं। देश आजाद हुए लेकिन राजौरी पुंछ आज भी पिछड़ा हुआ और और यहां का विकास नहीं हो पाया।एनसी की राजौरी पुंछ में रहेंगी ये प्राथमिकताएं
राजौरी पुंछ के लोगों तक वो सुविधाएं नहीं पहुंच पाई है जो पहुंचनी चाहिए थी। राजौरी पुंछ के लोगों के साथ इंसाफ नहीं हो पाया चाहे कांग्रेस, पीडीपी, बीजेपी या हमारी नेशनल कांफ्रेंस की सरकार रही हो उन्होंने कहा कि राजौरी पुंछ में अच्छी सड़कें, कॉलेज आदि की अवश्यकता है। मेरी यही कोशिश है कि जनता की समस्याओं और शिकायतों को उठा सकूं और शीघ्र निवारण हो और जनता की समस्याओं का हल हो।
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