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डोगरा लोगों के साथ नाइंसाफी बर्दाश्त नहीं

संवाद सहयोगी पुंछ आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी किसी भी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर के

By JagranEdited By: Updated: Mon, 22 Aug 2022 06:05 AM (IST)
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डोगरा लोगों के साथ नाइंसाफी बर्दाश्त नहीं

संवाद सहयोगी, पुंछ : आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी किसी भी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर के डोगरा लोगों के साथ इंसाफ नहीं किया गया। आज भी लोग अधिकारों से वंचित हैं। यह बातें जम्मू कश्मीर डोगरा लोक कल्याण फोरम द्वारा रविवार को सुंदरबनी में आयोजित पत्रकारवार्ता में फोरम के प्रधान सुनील दत्त व प्रवक्ता राकेश शर्मा ने कहीं।

सुनील दत्त ने कहा कि बंटवारे का सबसे ज्यादा दंश जम्मू-कश्मीर के नागरिकों ने झेला। आज भी डोगरा लोगों को कस्टोडियन, स्टेटलैंड, महाजरीन जमीनों के अधिकारों से सरकार द्वारा वंचित रखा गया है, जिसका खामियाजा तिरंगा उठाने वाले लोगों को आज भी भुगतना पड़ रहा है। सरकार की किसी भी योजना का लाभ इन लोगों का मालिकाना हक जमीनों पर नहीं होने के कारण नहीं मिल रहा। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सरकार को डोगरा परिवार के हर परिवार के एक सदस्य को नौकरी, 182 कनाल जमीन व 50 लाख राशि पीड़ित परिवारों को मदद के तौर पर देनी चाहिए।

प्रवक्ता राकेश शर्मा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के एक बड़े क्षेत्र की बड़ी आबादी को सरकारों द्वारा अधिकारों से वंचित रखा गया। हजारों लोगों को आज सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं पहुंच रहा। सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हजारों डोगरा परिवार के लोगों को मालिकाना जमीन का हक नहीं होने पर इस योजना का कोई लाभ नहीं पहुंचा है। केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण चलाई जा रही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का भी हजारों डोगरा लोगों को लाभ नहीं पहुंच रहा। राकेश शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुंछ, राजौरी, सांबा, कठुआ, जम्मू, ऊधमपुर, रामबन सहित अन्य क्षेत्रों में लाखों लोगों को मालिकाना हक जमीनों पर नहीं होने के कारण सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच रहा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा जो लोग सात दशक से इन्हीं जमीनों पर खेती-बड़ी कर अपने परिवारों का पालन-पोषण कर रहे थे, उन लोगों को आज पीड़ित किया जा रहा है। लाखों की संख्या में जम्मू-कश्मीर में रहने वाले डोगरा परिवारों के लोग कस्टोडियन स्टेट लैंड महाजनी जमीनों पर खेती-बाड़ी कर अपने परिवारों का पालन पोषण वर्षो से कर रहे हैं। ऐसे में पूर्व में सरकारों द्वारा इन जमीनों का देशभक्त लोगों को मालिकाना हक नहीं दिए जाने से लोगों को पीड़ित होना पड़ रहा है। दशकों से इन जमीनों पर बैठे लोगों की गिरदावरियां काटी जा रही हैं। लोगों को पीड़ित किया जा रहा है। ऐसे में यह लोग कहां जाएंगे। पत्रकारवार्ता में फोरम के सदस्यों ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह व केंद्रशासित जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मांग करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में रहने वाले लाखों डोगरा परिवारों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इन्हें जल्द से जल्द हल करने का प्रयास किया जाए, नहीं तो आने वाले दिनों में इस आंदोलन को पूरे जम्मू-कश्मीर में और तेज किया जाएगा।