गरीबों में सिलाई मशीन और खाद्य किट वितरित की
संवाद सहयोगी पुंछ जिले के दूरदराज एवं पहाड़ी गांव कलानी की बेरोजगार व गरीब महिलाओ
संवाद सहयोगी, पुंछ : जिले के दूरदराज एवं पहाड़ी गांव कलानी की बेरोजगार व गरीब महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करके के उद्देश्य से यश पाल शर्मा फाउंडेशन के अध्यक्ष डा. उदेश पाल शर्मा ने इलाके का दौरा कर गरीबों में सिलाई मशीन और खाद्य किट वितरित की।
इस अवसर पर वाईपीएस फाउंडेशन के अध्यक्ष डा. उदेश पाल शर्मा ने कहा कि जब बेरोजगारी और गरीबी की बात आती है तो महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं। अपनी खुद की आय के बिना उन्हें पुरुषों पर निर्भर रहना पड़ता है। महिलाएं व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन सकतीं हैं, जिसके माध्यम से वे अपना खुद का कुछ कारोबार शुरू कर सकती हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को यश पाल शर्मा फाउंडेशन ने सिलाई मशीन का वितरण किया है और गरीबों और जरूरतमंदों को मासिक भोजन किट दी है। डा. उदेश पाल शर्मा ने रोजगार सृजन की इस नई पहल के लिए संस्थापक सदस्यों परमजीत सिंह, सुखविदर सिंह और यशपाल शर्मा फाउंडेशन के अन्य सभी सदस्यों का आभार जताया। वहीं, स्थानीय लोगों ने संस्था द्वारा उठाए गए कदम की सराहना की।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायतों में बनाए गए शौचालय राशि का भुगतान कई ग्रामीणों को अभी तक नहीं हो पाया है। ग्रामीणों ने ग्रामीण विकास विभाग से मांग की है कि जो शौचालय बनाए गए हैं, उनका जल्द भुगतान किया जाए। पंचायत कोठियां के नंबरदार बशीर अहमद, खादिम हुसैन, मुहम्मद हुसैन, रामलाल, फजल हुसैन, मुख्तियार आदि का कहना है कि पंचायत में 90 के करीब लोग ऐसे हैं, जिन्हें शौचालय राशि का भुगतान नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि शौचालय राशि का भुगतान जो शौचालय बनाने पर हमें 12 हजार रुपये मिलने थे, वह राशि अभी तक हमें नहीं मिल पाई है। कई बार ग्राम सेवक से लेकर ग्रामीण विकास अधिकारी से मिलकर शौचालय राशि का भुगतान करने की मांग की गई, लेकिन इस ओर कोई भी कदम नहीं उठाया जा रहा है। वहीं, इस संबंध में ग्रामीण विकास अधिकारी से संपर्क न होने पर ग्रामसेवक विपिन कुमार शर्मा का कहना है कि शौचालय राशि का भुगतान कुछ ग्रामीणों को किया गया है, लेकिन कुछ ग्रामीणों ने फाइलें कंप्लीट नहीं की थी, जिस कारण उन्हें भुगतान नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि अब कुछ ग्रामीणों ने फाइलें कंप्लीट करके दी हैं, उन्हें जल्द ही भुगतान कर दिया जाएगा।