Move to Jagran APP

Lok Sabha Election: अनंतनाग-राजौरी सीट पर बंपर मतदान की उम्मीद, महज चार घंटे में ही टूट गया 2019 का मतदान रिकॉर्ड

लोकसभा सीट अनंतनाग राजौरी पर इस बार बंपर वोटिंग होने की उम्मीद है। साल 2019 में जहां इस सीट पर 9.7 फीसदी वोटिंग हुई थी। वहीं इस पर महज चार घंटों में ही साल 2019 के मतदान का रिकॉर्ड टूट गया है। 11 बजे तक इस सीट पर 23.11 प्रतिशत मतदान हुआ है। 18.36 लाख मतदाता 20 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला कर रहे हैं। मतदान अभी भी जारी है।

By naveen sharma Edited By: Deepak Saxena Updated: Sat, 25 May 2024 02:30 PM (IST)
Hero Image
अनंतनाग-राजौरी सीट पर बंपर मतदान की उम्मीद।
नवीन नवाज, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र में मतदान जारी है। यहां पर 20 उम्मीदवारों में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, नेकां उम्मीदवार व गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के धर्मगुरू मियां अल्ताफ अहमद, नौकरशाह से राजनेता बने अपनी पार्टी के उम्मीदवार जफर इकबाल मन्हास शामिल हैं।

11 बजे तक 23.11 प्रतिशत मतदान

साल 2019 में अनंतनाग लोकसभा सीट के लिए मात्र 9.7 प्रतिशत मतदान हुआ था और वर्ष 2017 में इस सीट पर उपचुनाव को अंतिम समय में स्थगित करना पड़ा था। कश्मीर में बदली आबोहवा का असर आज अनंतनाग- राजौरी निर्वाचन क्षेत्र में भी नजर आ रहा है जहां आज सुबह 11 बजे तक 23.11 प्रतिशत मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके हैं।

बता दें कि यहां 1990 के बाद से मतदान का प्रतिशत कश्मीर के अन्य क्षेत्रों की तुलना में हमेशा कम रहा है। उम्मीद है कि इस बार 55-60 प्रतिशत तक मतदान होगा। अगर बात पिछले आंकड़ों की करें तो वर्ष 2019 अंनतनाग संसदीय क्षेत्र मात्र 9.7 प्रतिशत मतदान हुआ था। वर्ष 2017 में तत्कालीन सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए उपचुनाव रद करना पड़ा था। इसलिए सभी को उम्मीद है कि प्रदेश में बह रही लोकतंत्र की बयार में स्थानीय मतदाता अतीत में रही चुनावी उदासीनता को छोड़ पूरे उत्साह के साथ मतदान में भाग लेंगे।

अनंतनाग-राजौरी सीट पर कुल 18.36 मतदाता

जम्मू कश्मीर में अनंतनाग-राजौरी एकमात्र ऐसा विशिष्ट संसदीय क्षेत्र है जो दोनों प्रांतों में और पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला के आर-पार फैला है। सांस्कृतिक, सामाजिक, भौगोलिक और आर्थिक विषमताओं वाले संसदीय क्षेत्र में 18,36,576 मतदाताओं में 9,33,647 पुरुष और 9,02,902 महिला मतदाताओं के अलावा 27 ट्रांसजेंडर हैं। इन मतदाताओं में 17967 दिव्यांग हैं और 540 मतदाता शतायु हैं।

कुल मिलाकर 18.36 मतदाता हैं जिनके लिए बनाए गए 2338 मतदान केंद्रों में से 1600 अतिसंवेदनशील हैं और 19 मतदान केंद्र एलओसी के साथ सटे इलाकों में बनाए हैं। लगभग नौ हजार अधिकारी व कर्मी मतदान का जिम्मा संभालेंगे। पूरे क्षेत्र में लगभग 81 हजार मतदाताओं की आयु 18-23 वर्ष के बीच है। विस्थापित कश्मीरी मतदाताओं की तादाद लगभग 26 हजार है।

जमात-ए-इस्लामी का प्रभाव

अनंतनाग,कुलगाम और शोपियां में जमात-ए-इस्लामी का प्रभाव माना जाता है। पहलगाम, हीरपोरा, सुरनकोट और शाहदरा में हुए आतंकी हमलो को छोड़ दिया जाए तो कहीं भी आतंकियों का प्रभाव नजर नहीं आया है। चुनावी रैलियां और सभाएं अगर किसी जगह प्रभावित रही हैं तो सिर्फ मौसम के कारण या फिर दो राजनीतिक दलों के बीच समय के टकराव को देखते हुए। सुरक्षा कारणों से कहीं भी इन्हें नहीं रोकना पड़ा है। बीते मार्च से अब तक पहलगाम, डुरू कोकरनाग से लेकर कालाकोट, मेंढर तक तीन हजार छोटी बड़ी चुनावी बैठकें और सभाएं हुई हैं। बड़ी रैलियों की संख्या लगभग 800 है।

विश्वास की भावना साफ नजर आती

राजनीतिक मामलों के जानकार एडवोकेट अजात जम्वाल ने कहा कि मतदान का प्रतिशत मतदाताओं के जोश, संबंधित क्षेत्र के सुरक्षा परिदृश्य और चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के प्रभाव व चुनाव प्रचार पर ज्यादा निर्भर करता है। इस बार अनंतनाग-राजौरी क्षेत्र में आम लोगों में सुरक्षा एवं विश्वास की भावना साफ नजर आती है। सभी दलों ने चुनाव प्रचार मे पूरा दम लगाया है, कोई भी नहीं चूका है।

सुरक्षा का है पूरा बंदोबस्त

अनंतनाग-राजौरी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में मतदान के दौरान सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए 25 हजार सुरक्षाकर्मी चुनाव ड्यूटी का जिम्मा संभाले रहे हैं। सेना,पुलिस और सीआरपीएफ व अन्य अर्धसैन्य बलों के जवान आतंकियों के प्रभाव वाले इलाकों में लगातार तलाशी अभियान चला रहे हैं। सभी अल्पसंख्यक बस्तियों, दूर दराज के इलाकों में स्थित बस्तियों और उन इलाकों में जहां अन्य राज्यों से आए श्रमिक रह रहे हैं, सुरक्षा का विशेष प्रबंध किया है। सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों की गश्त बढ़ाई गई है।

ये भी पढ़ें: Lok Sabha Election: अनंतनाग-राजौरी में मतदान से पहले महबूबा का संदेश, सोशल मीडिया पर वीडियो डाल लोगों से की ये अपील

सभी केंद्र सीसीटीवी की निगरानी में रहेंगे ताकि किसी भी जगह किसी भी अवांछित गतिविधि को तत्काल पकड़,उसे सही किया जा सके। जिन इलाकों में इंटरनेट और टेलीफोन कनेक्टिविटी की दिक्कत हैं,वहां मतदान कर्मियों को सेटेलाइट फोन,वायरलेस सेट और हरकारे उपलब्ध कराए गए हैं ताकि वह किसी भी आपात स्थिति में निकटवर्ती नियंत्रण कक्ष और सुरक्षा चौकियों से संपर्क बनाए रख सकें।

55 विशेष मतदान केंद्र

महिलाओं द्वारा संचालित 17 मतदान केंद्र हैं,जिन्हें पिंक अथवा गुलाबी मतदान केंद्र कहते हैं। आठ मतदान केंद्रों के संचालन का जिम्मा युवाओं के पास और 15 मतदान केंद्रों के संचालन की जिम्मेदारी दिव्यांगों के पास होगी। 15 हरित मतदान केंद्र होंगे। मतदान के दिन हर मतदान की समय सीमा समाप्त होने तक हर दो घंटे बाद मतदान का प्रतिशत वोटर टर्नआउट ऐप के जरिए कोई भी नागरिक देख सकेगा।

सीसीटीवी की निगरानी में सभी केंद्र

रहेंगे ताकि किसी भी जगह किसी भी अवांछित गतिविधि को तत्काल पकड़,उसे सही किया जा सके। सभी केंद्रों में पेयजल, बिजली ,शौचालय, रैंप, बैठने की जगह, व्हीलचेयर समेत सभी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के नामों की सूची ब्रेल लिपि में भी होगी और वोटर हेल्प डेस्क भी प्रत्येक मतदान केंद्र में रहेगा।

निर्वाचन क्षेत्रों के नाम

अनंतनाग, अनंतनाग पश्चिम, शांगस-अनंतनाग पूर्व, श्रीगुफवारा-बिजबिहड़ा, डुरू, कोकरनाग, पहलगाम, देवसर, डीएच पोरा, कुलगाम, मेंढर,सुरनकोट नौशेरा, पुंछ हवेली, राजौरी, बुद्धल, थन्नामंडी और ज़ैनपोरा।

ये भी पढ़ें: अभिनेत्री लैला खान हत्याकांड में आया फैसला, हत्‍यारे पिता को मिली सजा-ए-मौत; किश्तवाड़ पुलिस ने किया था गिरफ्तार

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।