Jammu News: डीजीपी ने किया राजौरी का दौरा, कहा- आतंकवाद से लड़ने के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस सर्वोत्तम बल
राजौरी जिले एक दिवसीय दौरे पर आए डीजीपी स्वैन ने रविवार को जिला पुलिस लाइन राजौरी में अधिकारियों और जवानों को संबोधित किया। डीजीपी ने पुलिस कर्मियों को ईमानदारी और पूर्ण समर्पण के साथ काम करने पर जोर दिया और कहा कि वैध कर्तव्य करने के लिए किसी से डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से लड़ने के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस सर्वोत्तम बल है।
By gagan kohliEdited By: Jeet KumarUpdated: Mon, 20 Nov 2023 03:30 AM (IST)
जागरण संवाददाता, राजौरी। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आरआर स्वैन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस आतंकवाद से लड़ने के लिए सबसे अच्छा बल है, क्योंकि कोई भी हमारी तरह यहां की भौगोलिक परिस्थितयों के बारे में नहीं जानता है। उन्होंने अधिकारियों को आतंक, नशीले पदार्थ, गोवंश की तस्करी और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस सुनिश्चित करने का निर्देश दिए।
डीजीपी ने राजौरी में अधिकारियों और जवानों को किया संबोधित
राजौरी जिले एक दिवसीय दौरे पर आए डीजीपी स्वैन रविवार को जिला पुलिस लाइन राजौरी में अधिकारियों और जवानों के दरबार को संबोधित कर रहे थे। डीजीपी ने पुलिस कर्मियों को ईमानदारी और पूर्ण समर्पण के साथ काम करने पर जोर दिया और कहा कि वैध कर्तव्य करने के लिए किसी से डरने की जरूरत नहीं है।
वरिष्ठ और कनिष्ठ अधिकारियों के बीच संबंधों पर उन्होंने कहा कि अनुशासन के अलावा अधिकारियों और जवानों के बीच विशेष रूप से राजपत्रित अधिकारियों और उनके अधीनस्थों के बीच निष्पक्षता होनी चाहिए और हमें समान दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि जवानों के कल्याण की देखभाल हमेशा वरिष्ठ अधिकारियों के दिमाग में प्राथमिकता होनी चाहिए, जबकि जवानों को हमारे संगठन का अधिक सम्मान अर्जित करने और कल्याण के लिए अपना कर्तव्य ईमानदारी से करना चाहिए।
गलती करने से नहीं डरना चाहिए
श्रीनगर में पीएचक्यू में हाल के शिकायत निवारण कार्यक्रम का जिक्र करते हुए, डीजीपी ने कहा कि कई शिकायतें हमारे अपने जवानों के परिवारों की थी, जो स्वयं परिभाषित करती है कि जवानों की शिकायतों को पहली बार में सही जगह पर हल करने की आवश्यकता है। डीजीपी ने कहा कि अधिकारियों को समर्पण के साथ काम करना चाहिए और गलती करने से नहीं डरना चाहिए, क्योंकि दौड़ने वाले कभी-कभी गिर भी जाते हैं।
उन्होंने उन पर एक ऐसा तंत्र विकसित करने का दबाव डाला, जिससे लोगों और पुलिस के बीच संबंध मजबूत हो। एनडीपीएस मामलों में आगे और पीछे के संबंधों की पहचान के अलावा आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र की पहचान करने पर जोर दिया गया। इनमें से प्रत्येक के खिलाफ कानून के तहत सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए। यह सिर्फ गहनता से जांच से संभव है।
खुफिया और सीमा सुरक्षा ग्रिड को मजबूत करने पर की चर्चा डीजीपी ने जिला राजौरी और पुंछ के क्षेत्राधिकार वाले डीएसपी और थाना प्रभारियों के साथ बातचीत की। उन्होंने रेंज और जिला पुलिस अधिकारियों के अलावा सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ और सहयोगी एजेंसियों के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता भी की।
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