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Rajouri News: बारिश न होने से गेहूं-सरसों की फसल पर सूखे का संकट, किसानों और जानवरों के सामने खड़ी हुई बड़ी समस्या

सुंदरबनी इलाके में बारिश कम होने कारण किसानों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां किसानों की फसलों को पानी न मिल पाने के कारण वो सूख रही हैं जिससे फसलें सूखा प्रभावित होने के कारण जहां सूख रही हैं। वहीं जल स्तर में गिरावट आने से अब बारिश न हुई तो सिंचाई तो दूर पीने के पानी के लिए हाहाकार मचने के आसार बन गए हैं।

By ankush sharma Edited By: Deepak SaxenaUpdated: Sun, 28 Jan 2024 05:48 PM (IST)
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बारिश न होने से गेहूं-सरसों की फसल पर सूखे का संकट।
संवाद सहयोगी, सुंदरबनी। उपजिले में लंबे समय से बारिश न होने से हजारों किसानों को गेहूं व सरसों की फसल के सूखने की चिंता सताने लगी है। इस समय गेहूं और अन्य फसलों को बारिश की सख्त जरूरत है। अभी तक 20 से 30 फीसदी गेहूं की फसल बारिश न होने के कारण प्रभावित हो गई है। अगर अगले एक दो हफ्ते तक बारिश नहीं होती है तो गेहूं की फसल को और भी नुकसान हो सकता है।

खेतों में गेहूं की फसल पड़ रही पीली

ऐसे में अब किसान बारिश का इंतजार कर रहे हैं। फसलें सूखा प्रभावित होने के कारण जहां सूख रही हैं। वहीं, जल स्तर में गिरावट आने से अब बारिश न हुई तो सिंचाई तो दूर पीने के पानी के लिए गर्मियों में हाहाकार मचने के आसार बन गए हैं। जानकारी देते हुए किसान मुल्ख राज ने बताया कि हालात देखकर यही लगता है कि बीज के पैसे भी मिलना मुश्किल हैं। खेतों में गेहूं पीली पड़ चुकी है अगर आगामी एक हफ्ते के अंदर बारिश नहीं हुई तो फसलें सूख जाएगी। पहले कोहरे की वजह से सब्जियों को काफी नुकसान पहुंचा।

बारिश के कारण पैदावार पर पड़ रहा असर

किसान रामलाल, प्रकाश चंद ,वासुदेव ने बताया कि किसानों ने महंगा बीज लगाया था। उन्हें उम्मीद थी कि अच्छी बारिश होने का फायदा मिलेगा और गेहूं का अच्छा उत्पादन होगा लेकिन उनकी सभी उम्मीदों पर बारिश न होने से पानी फिर गया।

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हालत यह है कि पशुओं के लिए चारा भी नहीं बचा है। सिंचित नहरी क्षेत्र में भी गेहूं में वह बात नहीं है जो बारिश होने के बाद होती है। किसान लगातार खेत में पानी लगा रहे हैं। उससे गेहूं की फसल पतली पड़ गई है और तने नहीं निकले। पैदावार पर बारिश न होने से काफी असर देखने को मिल रहा है।

फसल कम होने से चारे पर भी दिखेगा असर

कृषि विभाग के जानकारों ने बताया कि असिंचित क्षेत्र में गेहूं को शत-प्रतिशत नुकसान हो गया है। किसानों के सामने जहां अनाज की कमी हो जाएगी, वहीं पशुओं के लिए चारा भी नहीं होगा। दिसंबर के बाद जनवरी भी सूखा ही निकल गया है। अब बारिश अगर हो भी जाती है तो फसल कम ही होगी। चारे पर भी असर पड़ेगा।

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