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Jammu Kashmir: राजौरी के कालाकोटे इलाके में सुरक्षाबलों की आतंकियों के साथ मुठभेड़, सेना के दो अधिकारी और दो जवान बलिदान

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में बुधवार को आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ (Encounter between security forces and terrorists) हुई। यह मुठभेड़ राजौरी के कालाकोटे तहसील के बाजी माल इलाके में तब हुई जब घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया गया था। अतिरिक्त बलों को इलाके में भेजा गया है। यह एनकाउंटर कब तक चलेगा और कितने आतंकवादी शामिल हैं। जानकारी का इंतजार है।

By AgencyEdited By: Monu Kumar JhaUpdated: Wed, 22 Nov 2023 10:36 PM (IST)
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राजौरी के कालाकोटे इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ (फाइल फोटो)
पीटीआई, राजौरी। जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में बुधवार को आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ (Encounter between security forces and terrorists) हुई। इस मुठभेड़ में आतंकवादियों के साथ सेना के दो अधिकारी और दो जवान बलिदान हो गए हैं। बताया जा रहा है कि यह संख्या आगे बढ़ भी सकती है।

इस मुठभेड़ में कैप्टन एमवी प्रांजल, कैप्टन शुभम, जवान माजिद और एक अन्य जवान बलिदान हो गए हैं। इनके अलावा मेजर मेहरा घायल हुए हैं और उन्हें उधमपुर स्थित कमान अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बता दें कि उनके बाजू और सीने में गोलियां लगी हैं और उनकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। 

घेराबंदी कर शुरू किया गया था तलाशी अभियान 

आपको बता दें कि यह मुठभेड़ राजौरी के कालाकोटे तहसील के बाजी माल इलाके में तब हुई जब घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया गया था। अतिरिक्त बलों को इलाके में भेजा गया है। इसको लेकर स्थानीय निवासियों ने बताया कि इलाके में सक्रिय आतंकवादियों का पता लगाने के लिए रविवार को इलाके में घेराबंदी एवं तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

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वहीं, ग्रामीण ने बताया, "ऑपरेशन के कारण हमें घर पर ही रहने और बाहर न निकलने के लिए कहा गया था। हमारे बच्चे भी आज स्कूल नहीं गए और घर पर ही हैं।"

पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने व्यक्त किया दुख

इस घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दुख व्यक्त किया है। उन्होनें एक्स पर ट्वीट कर लिखा कि जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बाजी मॉल के जंगलों में हुई भीषण मुठभेड़ के दौरान भारतीय सेना 2 अधिकारियों और 63 राष्ट्रीय राइफल्स के 1 जवान की शहादत के बारे में सुनकर दुख हुआ। मैं वाहेगुरु जी से दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करने के लिए प्रार्थना करता हूं।

ऐसे शुरू हुई मुठभेड़

राजौरी से करीब 70 किलोमीटर दूर कालाकोट के गुलाबगढ़ के जंगल में ग्रामीणों ने संदिग्ध देखे जाने की सूचना सुरक्षाबल को दी थी। इसके बाद सुबह नौ बजे सुरक्षाबलों ने जंगल में बाजीमल क्षेत्र में तलाशी अभियान छेड़ा।

सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय राइफल की टीम जंगल में बने एक कच्चे घर की तलाशी के लिए घुसी तो उसके निचले तल में पहले से छिपे आतंकियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी। इससे अभियान का नेतृत्व कर रहे सेना के कैप्टन मौके पर ही बलिदान हो गए।

सेना ने उतारे पैरा कमांडो

इस घर में कई महिलाएं और बच्चे भी थे, जिन्हें सुरक्षित निकालना प्राथमिकता थी। इसके बाद सेना ने ऑपरेशन में पैरा कमांडो भी उतारे। पैरा कमांडो के आतंकियों के करीब पहुंचते ही उन्होंने फिर से गोलीबारी शुरू कर दी।

17 नवंबर को भी हुई थी मुठभेड़

गौरतलब है कि राजौरी और पुंछ के सीमावर्ती जिलों में पिछले डेढ़ सालों में आतंकवादी घटनाएं बढ़ी हैं। 17 नवंबर को भी राजौरी जिले के गुलेर बेहरोटे इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया था।

वहीं, 7 अगस्त को पुंछ जिले के देगवार इलाके में सीमा पार से घुसपैठ की कोशिश को सेना ने नाकाम करते हुए एक आतंकवादी को मार गिराया था। 5 मई को राजौरी जिले की केसरी पहाड़ियों में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे।

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