कालाकोट के बाज़ीमल जंगल में दूसरे दिन भी सुरक्षाबलों की आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ जारी है। देश के लिए आज एक और जवान ने बलिदान दिया जबकि एक अन्य घायल हो गये। इसके साथ ही दो आतंकी भी ढेर हो गए। इससे पहले बुधवार से शुरू हुई आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ (Encounter between security forces and terrorists) में अभी तक सेना के पांच जवान बलिदान हो गए।
By Jagran NewsEdited By: Monu Kumar JhaUpdated: Thu, 23 Nov 2023 06:18 PM (IST)
जागरण संवाददाता, राजौरी। राजौरी जिले के धर्मसाल के बाजीमल इलाके में भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त बलों और आंतकियों के बीचे मुठभेड़ दूसरे दिन भी जारी रही। गुरुवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में अफगानिस्तान में प्रशिक्षित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक शीर्ष कमांडर सहित दो आतंकवादी मारे गए। वहीं, कल चार जवान बलिदान हुए थे, जिसके बाद अब कुल मिलाकर पांच जवान देश पर बलिदान हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि रात में गोलीबारी रोक दी गई और इलाके की घेराबंदी कर दी गई। उन्होंने कहा कि गुरुवार सुबह गोलीबारी फिर से शुरू हुई और दो आतंकवादी मारे गए। ऑपरेशन अपने अंतिम चरण में है। इससे पहले दिन में एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा था कि गोलीबारी में एक पाकिस्तानी आतंकवादी मारा गया, जिसके बाद में एक और आतंकवादी के ढेर होने की सूचना आई।
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सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादी की तस्वीर
लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी नेता ढेर
मारे गए आतंकवादियों की पहचान क्वारी, एक पाकिस्तानी नागरिक और कट्टर आतंकवादी के रूप में की गई है। पीआरओ डिफेंस जम्मू के अनुसार, इन आतंकियों को पाकिस्तानी और अफगान मोर्चों पर प्रशिक्षित किया गया था। पीआरओ डिफेंस जम्मू के मुताबिक, मारा गया आतंकी लश्कर-ए-तैयबा का उच्च पदस्थ आतंकी नेता है।
वह पिछले एक साल से अपने ग्रुप के साथ राजौरी-पुंछ में सक्रिय था, उसे डांगरी और कंडी हमलों का मास्टरमाइंड भी माना जा रहा है। इस आतंकी को क्षेत्र में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए भेजा गया था। आरओ डिफेंस जम्मू ने कहा कि वह आईईडी चलाने और गुफाओं से छिपने का विशेषज्ञ और एक प्रशिक्षित स्नाइपर था।अधिकारियों ने बताया कि इलाके की घेराबंदी कर दी गई और रात में अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आतंकवादी घने जंगली इलाके से भाग न जाएं।
कल दो अधिकारियों सहित चार जवान हुए बलिदान
बुधवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी इलाके में आतंकवादियों के साथ चल रही मुठभेड़ में दो अधिकारियों सहित सेना के चार जवान बलिदान हो गए। चार सैन्य अधिकारियों में दो अधिकारी स्तर के कर्मी और दो जवान शामिल हैं।इलाके में आतंकवादियों के एक समूह की आवाजाही के बारे में इनपुट मिलने के बाद विशेष बलों सहित सैनिकों को इलाके में तैनात किया गया था। जान गंवाने वालों में कर्नाटक निवासी 63 राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन एमवी प्रांजल, उत्तर प्रदेश के आगरा निवासी स्पेशल फोर्स के कैप्टन शुभम, जम्मू-कश्मीर के पुंछ निवासी स्पेशल फोर्स के हवलदार अब्दुल माजिद और उत्तराखंड के नैनीताल के लांस नायक संजय बिस्ट शामिल हैं।
ऑपरेशन अपने अंतिम चरण पर, घिर हुए हैं आतंकी
साथ ही 16 कोर कमांडर और राष्ट्रीय राइफल्स के रोमियो फोर्स कमांडर ऑपरेशन की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर कालाकोट क्षेत्र, गुलाबगढ़ वन और राजौरी जिले में संयुक्त अभियान शुरू किया गया। जम्मू-कश्मीर के राजौरी के कालाकोट इलाके में चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियान पर भारतीय सेना की व्हाइट नाइट कोर ने कहा कि आतंकवादी घायल हो गए हैं और घिरे हुए हैं और ऑपरेशन जारी है।
भारतीय सेना की व्हाइट नाइट कोर ने कहा कि 22 नवंबर को संपर्क स्थापित किया गया और एक तीव्र गोलाबारी हुई। उच्चतम परंपराओं में महिलाओं और बच्चों को होने वाली क्षति को रोकने की कोशिश में हमारे अपने जवान भी घायल हो गए हैं। आतंकवादी चारों ओर से घेर लिए गए हैं, ऑपरेशन अभी भी जारी है।
पहले भी कई बार हो चुके आतंकी हमले
राजौरी में मुठभेड़ 17 नवंबर को बुद्धल इलाके के बेहरोटे में भी एक मुठभेड़ में एक आतंकवादी ढेर किया गया। इससे पहले 20 अप्रैल और 5 मई को पुंछ के मेंढर इलाके और राजौरी के कांडी जंगल में घात लगाकर किए गए हमलों में 10 सैनिकों की जान चली गई थी। अधिकारियों के मुताबिक, इस साल जनवरी से अब तक सीमावर्ती जिलों राजौरी और पुंछ और पास के रियासी जिले में आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में 46 मौतें दर्ज की गई हैं। राजौरी में सात आतंकवादियों को ढेर किया गया। वहीं, नौ सुरक्षाकर्मियों सहित 23 लोग आतंकियों के शिकार हो गए, जबकि पुंछ जिले में 15 आतंकवादी मारे गए जबकि पांच सुरक्षाकर्मी बलिदान हो गए।
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