Move to Jagran APP

Rajouri: घने जंगल, पहाड़ और कच्चे रास्ते... मुश्किलों का सामना कर दो महीने से आतंकियों का पीछा कर रहे थे जवान

Encounter in Rajouri जम्मू संभाग के राजौरी में 12 सितंबर को आतंकियों और जवानों के बीच हुई मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए। सेना के जवान दो महीने से आतंकियों का पीछा कर रहे थे। आतंकी अब अपने नापाक मनसूबों को अंजाम देने के लिए जगंलों में छिपने लगे हैं। घने जंगलों पहाड़ों ऊबड़-खाबड़ रास्तों से गुजर कर जवनों ने आतंकियों को मार गिराया।

By Preeti GuptaEdited By: Preeti GuptaUpdated: Thu, 14 Sep 2023 08:20 AM (IST)
Hero Image
राजौरी में मारे गए आतंकियों का दो माह से पीछा कर रहे थे जवान
राजौरी, जागरण संवाददाता। Encounter in Rajouri: जम्मू संभाग के राजौरी में 12 सितंबर को आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच में मुठभेड़ हुई थी, जिसमें बहादुर जवानों ने दो आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया था।

राजौरी और रियासी के जंगल में छिपे आतंकियों को मार गिराने के लिए सेना के जवान दो महीने से पीछा कर रहे थे। इस दौरान जवानों को घने जंगलों, पहाड़ों, ऊबड़-खाबड़ रास्तों के बीच प्रतिकूल मौसम का भी सामना करना पड़ा। इसके बावजूद सुरक्षाबल पांच आतंकियों को ढेर कर चुके हैं। इसके पहले मंगलवार को भी एक आतंकी ढेर किया था। इस दौरान सेना एक जवान रवि कुमार व मादा श्वान कैंट बलिदान हो गई।

दो महीने पहले मिली थी आतंकियों की छिपे होने की सूचना

दोनों को राजौरी में श्रद्धांजलि दी गई। क्षेत्र में और आतंकियों के छिपे होने की आशंका के चलते सुरक्षाबलों ने अभियान जारी रखा हुआ है। बलिदानी का पार्थिव शरीर बुधवार को किश्तवाड़ में उनके पैतृक गांव पहुंच गया। राजौरी के कालाकोट में 14 सेक्टर आरआर के कमांडर ब्रिगेडियर शौमित पटनायक ने बताया कि उन्हें पिछले दो महीने से इन क्षेत्रों में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिल रही थी।

एक के बाद एक आतंकी मारे गए

पहली बार सूचना मिलने के साथ ही जवान आतंकियों को मार गिराने के लिए पीछे लग गए थे। सबसे पहले राजौरी के गुंदा में एक आतंकी मारा गया। चार सितंबर को रियासी में एक आतंकी ढेर किया गया। इसके बाद एक और आतंकी मार गिराया गया। राजौरी और रियासी जिले की सीमा आपस में मिलती हैं। इस पहाड़ी क्षेत्र में घने जंगल हैं। राजौरी नियंत्रण रेखा से सटा हुआ जिला है।

'हर आतंकी का होगा काम तमाम'

ब्रिगेडियर शौमित पटनायक ने कहा कि क्षेत्र में मौजूद एक-एक आतंकी को ढेर किया जाएगा। इसके लिए अभियान जारी है। अब आतंकियों को लोगों का समर्थन नहीं मिल रहा है। इसके कारण आतंकी अब गांवों से बाहर निकल कर जंगलों में छिपते फिर रहे हैं। हमारे जवान आतंकियों के पीछे हैं। जल्द ही अन्य आतंकियों का भी काम तमाम होगा।

'अशांति फैलाने की हर साजिश होगी नाकाम'

सेना की उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि पाकिस्तान विदेशी आतंकी भेजकर जम्मू कश्मीर की खुशहाली को ग्रहण लगाने का षड्यंत्र रच रहा है। सेना उसकी इन साजिशों को कामयाम नहीं होने देगी। वह आईआईटी जम्मू में बुधवार को तीन दिवसीय नॉर्थ टेक सिंपोजियम के समापन के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

यह भी पढ़ें-  Jammu: जिस बेटे को कंधे पर बैठाया, उसने ही दिया कंधा... 28 दिन पहले बेटी ने लिया जन्म; रुला देगी ये घटना

पाकिस्तान के नापाक मनसूबे नहीं होंगे पूरे

आर्मी कमांडर ने कहा कि जम्मू कश्मीर में उन्नति हो रही है। पिछले वर्ष 1.88 करोड़ पर्यटक आए थे, इस साल 2.25 करोड़ पर्यटकों के आने की उम्मीद है। पाक कोशिश कर रहा है कि अशांति फैलाकर रुकावट डाली जाए। इसीलिए वह विदेशी आतंकी भेजने की पूरी कोशिश कर रहा है। हमने राजौरी, पुंछ जिलों में विदेशी आतंकियों को नियंत्रण रेखा पर ही मार गिराने की कोशिश की है।

यह भी पढ़ें-  Jammu Terror Attack: घाटी में कैसे होगा आतंकियों का सफाया, सेना ने अपनाया 13 साल पुराना पैटर्न

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।