गगन कोहली,राजौरी। राजौरी व पुंछ दोनों जिलों में केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों (सीएपीएफ) के माध्यम से प्रदान किए गए सुरक्षा कवच को मजबूत करने के उद्देश्य से सरकार ने क्षेत्र में सीआरपीएफ की दो नई बटालियनों को तैनात किया है। इससे पहले सीआरपीएफ की एक बटालियन राजौरी और पुंछ दोनों जिलों में तैनात थी।
अब दोनों जिलों में सीआरपीएफ की बटालियनों की संख्या तीन हो गई है। सूत्रों के अनुसार राजौरी में दो बटालियन को तैनात किया गया है। इनमें से एक का मुख्यालय सुंदरबनी और एक का राजौरी में होगा, जबकि पुंछ में एक बटालियन तैनात होगी, जिसका मुख्यालय पुंछ में होगा।
पिछले तीन वर्षों में दोनों जिलों में कई आतंकी घटनाएं और मुठभेड़ें हुई हैं। वरिष्ठ सेना और पुलिस अधिकारी पहले ही स्थिति पर बयान जारी कर इसे राजौरी और पुंछ जिलों में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए आतंकी संगठनों का प्रयास करार दे चुके हैं।
दोनों जिलों में वर्ष 2010 के बाद से अपेक्षाकृत शांत स्थिति देखी जा रही थी। जारी वर्ष में पहली जनवरी को राजौरी जिले के ढांगरी में हिंदू आबादी पर आतंकियों का हमला बहुत लंबे समय के बाद हुआ था। इस हमले में आतंकियों ने ढांगरी गांव के कई घरों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई थी।
इस हमले में पांच लोगों की मौत हो गई थी और तीन अन्य घायल हो गए थे, जबकि अगले दिन सुबह एक आइईडी विस्फोट में दो बच्चों की जान चली गई थी और दस घायल हो गए थे। इस घटना से लोगों में व्यापक आक्रोश फैल गया था और सरकार को जनता के गुस्से का सामना करना पड़ा था। घटना के तुरंत बाद राजौरी और पुंछ जिलों में सीआरपीएफ की 18 अतिरिक्त कंपनियां भेजी गई थीं।
इनमें से कंपनियां राजौरी जिले के कुछ हिस्सों में, जबकि आठ पुंछ में तैनात की गई थीं । अब इन कंपनियों को चरणबद्ध तरीके से वापस बुलाया जा रहा है और बेहतर सुरक्षा के लिए दो बटालियन को तैनात किया जा रहा है। सीआरपीएफ के जवानों को शहरी और दूरदराज के इलाकों में तैनात किया गया है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने छह सितंबर को सीमावर्ती राजौरी जिले के दौरे के दौरान आतंकी गतिविधियों का उल्लेख करते हुए कहा था कि राजौरी और पुंछ में आतंकियों को ट्रैक करने और खत्म करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, जिनकी संख्या 12 के आसपास मानी जा रही है।
उन्होंने क्षेत्र में सुरक्षा बलों द्वारा किए गए कई सफल अभियानों का उल्लेख किया था। सुरक्षा समीक्षा और चल रहे आतंकी विरोधी अभियानों की निगरानी के लिए डीजीपी इस वर्ष अब तक क्षेत्र में कई दौरे कर चुके हैं।