'कब तक खोएंगे जवान, एक बार हो पाकिस्तान से आर-पार की लड़ाई'...बलिदानी बेटे का पार्थिव शरीर देख छलका पिता का दर्द
मुठभेड़ में बलिदान हुए पुंछ जिले के गांव आजोट निवासी हवलदार अब्दुल माजिद (Constable Abdul Majeed) को अंतिम विदाई देते हुए सपुर्द-ए- खाक कर दिया गया। बेटे का पार्थिव शरीर देख पिता का दर्द छलका। वह अपने आंसू नहीं रोक पाए। उन्होंने कहा कि हम कब तक अपने जवानों को इस प्रकार खोते रहेंगे। एक बार पाकिस्तान से आर-पार की लड़ाई होनी चाहिए।
By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Sat, 25 Nov 2023 11:49 AM (IST)
संवाद सहयोगी, पुंछ। Rajouri Encounter: मुठभेड़ में बलिदान हुए पुंछ जिले के गांव आजोट निवासी हवलदार अब्दुल माजिद (Constable Abdul Majeed) का पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके निवास स्थान पहुंचा।
तिरंगे में लिपटे बलिदानी बेटे अब्दुल माजिद के पार्थिव शरीर देखकर स्वजन बिलख पड़े, जिसे देख लोग आंसू नहीं रोक पाए। बलिदानी के पिता मुहम्मद रशीद ने कहा कि हमें बेटे के इतनी छोटी उम्र में छोड़ कर चले जाने का गम है। उसके साथ बलिदान होने वाले अन्य जवानों का भी गम है।
'हम कब तक खोते रहेंगे अपने जवान'
हमारे लिए तो सेना का हर जवान मेरा बेटा है, जब भी कोई जवान बलिदानी होता है मुझे गम होता है। मुझे गर्व भी है कि मेरे बेटे ने देश की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया है, लेकिन अफसोस है कि हम कब तक अपने जवानों को इस प्रकार खोते रहेंगे और पड़ोसी देश की नापाक हरकतों के शिकार होते रहेंगे। पड़ोसी देश नापाक हरकतों से बाज नहीं आने वाला।'एक बार होनी चाहिए आर-पार की लड़ाई'
एक बार आर-पार की लड़ाई होनी चाहिए, ताकि पाकिस्तान दोबारा इस तरह की हिम्मत ना कर सके। बलिदानी के पिता ने कहा कि हम सीमावर्ती जिले के लोग 1947 से लेकर आज तक दुश्मन देश की नापाक हरकतों के शिकार होते रहे हैं। बलिदानी माजिद का पार्थिव शरीर को शुक्रवार सैन्य मुख्यालय पुंछ पहुंचाया। सेना की 25 कोर के मेजर जनरल ने बलिदानी हवलदार अब्दुल माजिद को श्रद्धांजलि अर्पित करते अंतिम विदाई दी।
बलिदानी अब्दुल माजिद को दी गई श्रद्धांजलि
वहीं सभी धर्मों के वरिष्ठ नागरिक और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना सहित अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सैन्य अधिकारियों ने बलिदानी अब्दुल माजिद के पिता मुहम्मद रशीद से मुलाकात कर उनका मनोबल बढ़ाया और कहा इस दुख की घड़ी में सेना उनके साथ है और भविष्य में उनके साथ रहेंगी। बलिदानी अब्दुल माजिद सेना 9 पैरा में तैनात था।
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