Lok Sabha Election 2024: उमर अब्दुल्ला ने खेला दांव, अनंतनाग-राजौरी सीट से गुज्जर नेता लारवी को बनाया उम्मीदवार
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर में आइएनडीआई एलांयस के खिलाफ जाते हुए अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट के लिए अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है। जम्मू कश्मीर में सभी राजनीतिक दलों की नाक का सवाल बने इस संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में नेकां ने गुज्जर नेता और पूर्व मंत्री मियां अल्ताफ अहमद लारवी उर्फ अल्ताफ को अपना उम्मीदवार बनाया है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। नेकां द्वारा मियां अल्ताफ को उम्मीदवार घोषित कि जाने के साथ ही घाटी में आइएनडीआई एलांयस द्वारा संयुक्त उम्मीदवार उतारे जाने की संभावना भी खत्म हो गई। अब घाटी में आइएनडीआई एलांयस के घटकों के बीच तथाकथित दोस्ताना मुकाबला देखने को मिलेगा।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती अनंतनाग-राजौरी सीट पर या फिर श्रीनगर संसदीय सीट पर चुनाव लड़ सकती हैं। कांग्रेस भी मैदान में उतर सकती है, जिससे नेकां का चुनावी गणित गड़बड़ा सकता है। फिलहाल भाजपा समेत किसी भी अन्य राजनीतिक दल ने इस सीट के लिए अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है।
2022 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया
अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र वर्ष 2022 में जम्मू कश्मीर में हुए परिसीमन के बाद ही अस्तित्व में आयी है। इस संसदीय सीट में कश्मीर प्रांत के जिला अनंतनाग के सभी सात और जिला कुलगाम के सभी तीन और जिला शोपियां का एक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र जेनपोरा व जम्मू प्रांत मे जिला पुंछ सभी तीन व जिला राजौरी के चार विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं।इस सीट के लिए मतदान तीसरे चरण में सात मई को होगा जबकि इस सीट के लिए अधिसूचना 12 अप्रैल को जारी होगी जबकि नामांकन जमा कराने की अंतिम तिथि 19 अप्रैल 2024 है।उमर अब्दुल्ला ने आज पार्टी मुख्यालय में नेकां महासचिव अली मोहम्मद सागर और नेकां प्रांतीय प्रधान नासिर असलम वानी की मौजूदगी में मियां अल्ताफ को अनंतनाग-राजौरी सीट पर उम्मीदवार बनाए जाने का एलान करते हुए कहा कि यह निर्णय पार्टी प्रमुख डा फारूक अब्दुल्ला ने पार्टी के वरिष्ठजनों के साथ विचार विमर्श के बाद ही लिया है।
उन्होंने कहा कि मियां अल्ताफ अहमद एक अनुभवी नेता हैं और न सिर्फ कश्मीर घाटी में बल्कि राजौरी-पुंछ में भी वह लोगों में लोकप्रिय हैं। कश्मीर घाटी में जिला गांदरबल में कंगन के रहने वाले मियां अल्ताफ अहमद पांच बार विधायक चुने गए हैं। वह गुज्जर समुदाय के एक बड़े वर्ग के धर्मगुरू भी हैं। पहाड़ी समुदाय में भी उनका अच्छा खासा प्रभाव है। इसके अलावा जम्मू प्रांत के राजौरी-पुंछ के कई राजनीतिक गुज्जर परिवारों में उनके पारिवारिक संबंध भी हैं। उनका एक करीबी पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री भी रहा है।
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