Rajouri Terror Attack: पीड़ित परिवारों ने जाम किया जम्मू-पुंछ हाईवे; कहा- 6 महीने बाद भी नहीं हुई ठोस कार्रवाई
आतंकवादियों ने 1 जनवरी को डांगरी गांव पर हमला किया था। इस हमले में कुल 14 ग्रामीण घायल हुए थे। इसी मामले में न्याय की मांग कर रहे पीड़ित परिवारों ने सोमवार को जम्मू-पुंछ हाईवे पर जाम लगा दिया।
राजौरी/जम्मू, पीटीआई। जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के डांगरी गांव में इस साल जनवरी में आतंकवादी हमले में मारे गए सात नागरिकों के परिजनों ने सोमवार को जम्मू-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। न्याय की मांग को लेकर सैकड़ों ग्रामीणों ने डांगरी से एक जुलूस निकाला और राजौरी जिले में आतंकी हमले की जगह से आधा किमी दूर मुरादपुर के निकट व्यस्त राजमार्ग को जाम कर दिया।
अधिकारियों ने कहा कि पीड़ित परिवारों ने बिना किसी देरी के हमले के पीछे दोषियों की पहचान और गिरफ्तारी की मांग की। बता दें कि आतंकवादियों ने 1 जनवरी को डांगरी गांव पर हमला किया था और एक तात्कालिक विस्फोटक उपकरण (IED) को पीछे छोड़कर घटनास्थल से भागने से पहले ग्रामीणों को निशाना बनाया था।
गोलीबारी में पांच लोगों की हुई थी मौत
आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में जहां पांच लोग मारे गए। वहीं दो अन्य अगली सुबह आईईडी विस्फोट में मारे गए। दोहरे हमले में 14 ग्रामीण घायल हो गए। 6 मई को सेना ने राजौरी के जंगल कंडी इलाके में एक आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान एक आतंकवादी को मार गिराया। कुछ स्थानीय लोगों ने बाद में मारे गए आतंकवादी की पहचान डांगरी गांव के हमलावरों में से एक के रूप में की।
मारे गए नागरिकों की तस्वीरें लेकर और न्याय के समर्थन में नारे लगाते हुए ग्रामीणों ने सोमवार सुबह करीब 9 बजे राजमार्ग पर धरना दिया और टायर भी जलाए, जिससे ट्रैफिक जाम हो गया। अधिकारियों ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक और पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं।
पीड़ित परिवारों ने क्या कहा
आतंकी हमले में अपने दो बेटों को खोने वाली सरोज बाला ने कहा कि वह पिछले छह महीने से न्याय का इंतजार कर रही हैं। उन्होंने कहा, "हम सुन रहे हैं कि मामला लगभग सुलझ गया है, लेकिन हमले में शामिल आतंकवादियों का कोई पता नहीं चला है। हमला करवाने वाले आतंकवादी समर्थकों की भी पहचान की जानी बाकी है।"
बता दें कि बाला के दो बेटे प्रिंस और दीपक आतंकवादी हमले में मारे गए थे, जिससे वह परिवार में एकमात्र जीवित सदस्य रह गई थी, क्योंकि उसने कुछ समय पहले अपने पति को एक बीमारी में खो दिया था। उन्होंने कहा, "हमला हुए छह महीने बीत चुके हैं, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।"