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Rajouri News: शहर की हर गली और रास्ते पर आवारा कुत्तों का आतंक, सुबह सैर पर निकलने से बचने लगे हैं लोग

आवारा कुत्तों का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। शहर में कई स्थानों पर अक्सर आवारा कुत्तों के झुंडों को बैठे देखा जा सकता है। आलम यह है कि आवारा कुत्तों से परेशान होकर लोग सुबह व देर रात को घरों से निकलने से भी कतराने लगे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Wed, 05 Apr 2023 10:27 AM (IST)
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शहर की हर गली और रास्ते पर आवारा कुत्तों का आतंक

सुदंरबनी, जागरण संवाददाता। जम्मू-कश्मीर के राजौरी में अब आवारा कुत्तों का आतंक देखने को मिल रहा है। वैसे हम आए दिन कुत्तों के हमले में घायल होने की खबर सुनते हैं। कहीं आवारा कुत्ते बच्चों को अपना निशाना बनाते हैं, तो कभी वह वाहन से जाने वालों पर हमला कर देते हैं। इसी बीच अब राजौरी में आवारा कुत्तों के आतंक को देखते हुए लोग गलियों से निकलना कम कर दे रहे हैं।

उप जिला सुदंरबनी के शहर में आवारा कुत्तों का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। शहर में कई स्थानों पर अक्सर आवारा कुत्तों के झुंडों को बैठे देखा जा सकता है आलम यह है कि आवारा कुत्तों से परेशान होकर लोग सुबह व देर रात को घरों से निकलने से भी कतराने लगे हैं। बस स्टैंड, कोर्ट मार्केट, अस्पताल मार्केट आदि के बीचो-बीच आवारा कुत्तों की भरमार है ।

ये आवारा कुत्ते अक्सर आने-जाने वाले लोगों पर झपट पड़ते हैं कई बार ये आवारा कुत्ते एक दूसरे कुत्ते से लड़ते-लड़ते बीच सड़क में भी आ जाते हैं। जिससे दोपहिया वाहन चालकों का इनमें उलझकर गिरने का खतरा बना रहता है। कई बार ये लोगों की बाइक या कार के पीछे भागते हैं।

कुत्तों पर निगम का नहीं है ध्यान

इस सबके बावजूद भी निगम इन कुत्तों की समस्या से निजात दिलाने के लिए कोई विशेष कदम नहीं उठा रहा यूं तो कुत्ते को सबसे वफादार जानवर माना जाता है, लेकिन अगर यह वफादारी भूल जाए तो जानलेवा हो सकता है शहर के अंदर ऐसी कोई गली और मोहल्ला नहीं जहां आवारा कुत्तों का आतंक न हो। शाम ढलने के बाद शहर के गली-मोहल्लों में पैदल या दुपहिया पर निकलना खतरे से खाली नहीं दोपहर में भी ये कुत्ते बच्चों को निशाना बनाने से नहीं चूकते।

बच्चों के बीच आवारा कुत्तों का खौफ

शहर के विभिन्न सड़कों और मोहल्लों में इन कुत्तों का खौफ इस कदर छाया हुआ है कि लोग रात तो रात दिन में भी इनके झुंड को देखकर रास्ता बदल लेने में ही गनीमत समझते हैं। कुत्तों के आतंक से स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों को सबसे अधिक खतरा है। लोगों में सामाजिक कार्यकर्ता राज कुमार ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा की जल्द से जल्द इन आवारा कुत्तों की समस्या से निजात दिलाने के लिए ठोस से ठोस कदम उठाया जाए।

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