J&K Election: कालाकोट-सुंदरबनी सीट पर बन रहे चाचा-भतीजे में चुनावी जंग के आसार, कभी साथ मांगते थे नेकां के लिए वोट
जम्मू- कश्मीर में 10 साल बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव (Jammu Kashmir Assembly Election) में कुछ विधानसभा सीटों पर दिलचस्प चुनावी जंग देखने को मिल सकती है। ऐसे ही एक सीट है कालाकोट-सुंदरबनी जहां चाचा और भतीजे के बीच मुकाबला होने की संभावना है। भाजपा से रणधीर सिंह तो वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस से उनके भतीजे ठाकुर यशुवर्धन सिंह को टिकट मिलने की संभावना है।
गगन कोहली, राजौरी। राजनीति में रिश्ते मायने नहीं रखते। ऐसे ही समीकरण कालाकोट-सुंदरबनी विधानसभा सीट पर बनते दिख रहे हैं। 97,541 मतदाताओं वाली इस सीट पर चाचा और भतीजे के बीच चुनावी महासमर होने के लिए मैदान बनने के आसार पूरे हैं।
सियासी माहौल में यहां भाजपा से ठाकुर रणधीर सिंह को उतारे जाने की चर्चा है तो वहीं बताया जा रहा है कि नेकां ने उनके भतीजे ठाकुर यशुवर्धन सिंह को टिकट देने की पूरी तैयारी कर ली है।
कभी एक साथ मांगते थे वोट
ये चाचा-भतीजा जो कभी एक साथ नेकां के लिए वोट मांगते थे, लेकिन 2019 में रणधीर सिंह ने नेकां छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए। दोनों को टिकट मिलते हैं तो ये एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में होंगे। टिकट मिला तो दोनों पहली बार विधानसभा चुनाव मैदान में होंगे।इस बार विधानसभा चुनाव के लिए जम्मू-कश्मीर में नेकां और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो चुका है। कालाकोट-सुंदरबनी की सीट नेकां के पास रहेगी, इस बात पर लगभग सहमति बन चुकी है।
2014 में अब्दुल गनी ने जीता था चुनाव
ठाकुर रछपाल सिंह ने 2002 में कालाकोट से नेकां के टिकट पर चुनाव लड़ा। उन्होंने कांग्रेस के अशोक शर्मा को हराया था। पार्टी ने 2008 में रछपाल सिंह को फिर से चुनावी मैदान में उतारा तो उन्होंने फिर से अशोक शर्मा को हरा दिया। हालांकि, अशोक शर्मा निर्दलीय मैदान में उतरे थे।नेकां ने रछपाल सिंह को 2014 के विधानसभा चुनाव में भी टिकट दिया था, लेकिन इस बार उनका मुकाबला भाजपा के उम्मीदवार अब्दुल गनी कोहली के साथ हुआ। इस बार रछपाल हार गए और अब्दुल गनी ने उन्हें करीब पांच हजार वोटों से हरा दिया।
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