आतंकियों का 'मिशन कश्मीर' बुरी तरह फेल, 5 वर्षों में आतंक से जुड़ी घटनाओं में आई 70 फीसदी की गिरावट
Jammu Kashmir News पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में 70 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। गृह मंत्रालय ने संसदीय समिति को यह जानकारी दी है। 2019 में आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में 50 नागरिक मारे गए थे जबकि इस साल अब तक मारे गए लोगों की संख्या घटकर 14 रह गई है।
पीटीआई, श्रीनगर। गृह मंत्रालय ने एक संसदीय समिति को बताया कि नरेन्द्र मोदी सरकार के दौरान 2019 के बाद से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद संबंधी घटनाओं में 70 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई है।
गृह सचिव गोविंद मोहन ने गृह मामलों की स्थायी समिति को बताया कि पिछले पांच वर्षों में आतंकवाद से संबंधित मामलों में कमी आने के बावजूद लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों का खतरा अब भी मंडरा रहा है।
गोविंद मोहन की यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि केंद्र सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित किया था।
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कानून व्यवस्था में केंद्र सरकार की प्रत्यक्ष जिम्मेदारी
दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में कानून और व्यवस्था अब केंद्र सरकार की प्रत्यक्ष जिम्मेदारी है। गृह सचिव और उनके अधिकारियों की टीम ने संसदीय समिति को बताया कि मोदी सरकार के लिए नागरिक सुरक्षा प्रमुख चिंता का विषय रही है। सुरक्षा एजेंसियां इस पर अधिकतम जोर दे रही हैं।सूत्रों के अनुसार, तुलनात्मक आंकड़े देते हुए गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि 2019 में आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में 50 नागरिक मारे गए। इस साल अब तक मारे गए लोगों की संख्या घटकर 14 रह गई है।
2023 में आतंकी घटनाओं में पांच नागरिक मारे गए, जो 2024 की तुलना में लगभग एक तिहाई है। 2019 में नागरिकों पर 73 हमले हुए और इस साल अब तक यह आंकड़ा घटकर 10 रह गया है।मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर में भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के अलावा आतंकियों को समर्थन और आतंकवाद के फंडिग नेटवर्क को खत्म करना चाहती है।
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