Jammu Kashmir News: अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों पर प्रशासन का एक्शन, जल्द भेजा जाएगा वापस
Jammu Kashmir News जम्मू कश्मीर में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों को वापस भेजा जाएगा। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने इसके लिए एक समिति गठित की है। कुछ सालों पहले जम्मू कश्मीर में रोहिंग्या और बांग्लादेशी अवैध तरीके से रहने लगे थे। पुलिस ने विभिन्न जगहों पर रहे रोहिंग्या शरणार्थियों का बायोमीट्रिक विवरण जमा करने का अभियान चला रखा है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में 13 वर्ष से अवैध रूप से बसे विदेशियों को चिह्नित कर उन्हें उनके देश भेजने के लिए प्रदेश प्रशासन ने बुधवार को सात सदस्यीय समिति का गठन किया है।
समिति को प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं, बांग्लादेशियों और अन्य की पूरी जीवनी व बायोमीट्रिक विवरण एकत्र करने तथा नियमित रूप से संबंधित डिजिटल रिकार्ड को अद्यत करने का कार्य सौंपा है।
रोहिंग्या शरणार्थियों के खिलाफ चलाया गया था अभियान
बता दें कि वर्ष 2021 में भी जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रोहिंग्या शरणार्थियों के खिलाफ अभियान चलाया था। 74 महिलाओं और 70 बच्चों सहित म्यांमार के 270 से अधिक रोहिंग्याओं को हिरासत में लेकर कठुआ जिले के हीरानगर में स्थापित होल्डिंग सेंटर में रखा। पुलिस ने पहले ही विभिन्न स्थानों पर रहे रोहिंग्या शरणार्थियों का बायोमीट्रिक विवरण जमा करने का अभियान चला रखा है।
बड़ी संख्या में रोहिंग्या व बांग्लादेशी अवैध रूप से आकर बसे
कुछ वर्षों के दौरान जम्मू कश्मीर में बड़ी संख्या में रोहिंग्या व बांग्लादेशी अवैध रूप से आकर बसे हैं। कई रोहिग्या और बांग्लादेशी मानवतस्करी, नशीले पदार्थों की तस्करी व अन्य कई अपराधों में सलिंप्तता के आधार पर भी पकड़े जा चुके हैं।
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यह जम्मू कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी संकट बन रहे हैं। गृह विभाग के प्रधान सचिव चंद्राकर भारती द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2011 से अवैध रूप से रह रहे विदेशियों की पहचान करने के लिए समिति के पुनर्गठन को मंजूरी दी जाती है।
गृह विभाग के प्रशासनिक सचिव करेंगे समिति की अध्यक्षता
आदेश के मुताबिक, समिति की अध्यक्षता गृह विभाग के प्रशासनिक सचिव करेंगे। समिति के अन्य सदस्यों में पंजाब के विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ), जम्मू और श्रीनगर मुख्यालय के आपराधिक जांच विभाग (विशेष शाखा), सभी जिला एसएसपी और एसपी (विदेशी पंजीकरण) के साथ-साथ राज्य समन्वयक, एनआईसी शामिल हैं। समिति को प्रत्येक माह की पांच तारीख तक अपनी मासिक रिपोर्ट तैयार कर गृह मंत्रालय को सौंपनी होगी।
समन्वय और निगरानी करने का भी दिया निर्देश
गृह विभाग के अनुसार, समिति को प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे विदेशियों का पता लगाने और उन्हें निर्वासित करने से संबंधित प्रयासों का समन्वय और निगरानी करने का भी निर्देश दिया है। समिति इन मुद्दों पर हुई प्रगति की निगरानी करेगी और गृह विभाग को नियमित रूप से रिपोर्ट देगी। यह विभिन्न अदालतों में चल रहे मामलों की जानकारी प्रसारित करने के साथ-साथ संबंधित हितधारकों के लिए इन मामलों की स्थिति की निगरानी और अद्यतन करने के लिए जिम्मेदार है।
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आदेश में कहा गया कि नोडल अधिकारी अवैध प्रवासियों के बायोग्राफिक और बायोमीट्रिक डेटा के संग्रह की देखरेख करेंगे, प्रगति रिपोर्ट संकलित करेंगे और नियमित आधार पर जम्मू-कश्मीर में अवैध रूप से रहने वालों का अद्यतन डिजिटल रिकार्ड बनाए रखेंगे।