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Amarnath Yatra 2024: फिर शुरू हुई अमरनाथ यात्रा, गूंजे 'हर हर महादेव' के जयकारे; खराब मौसम के चलते कर दी गई थी बंद

अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2024) के लिए एक और भक्‍तों का जत्‍था रवाना हुआ है। खराब मौसम के चलते शनिवार को यात्रा रोक दी गई थी। आज फिर से शुरू कर दी गई है। वहीं श्रद्धालुओं में एक अलग उत्‍सा‍ह दिखाई दिया। चारों तरफ हर हर महादेव के जयकारे ही सुनाई दिए। 29 जून से यात्रा शुरू हुई थी और 19 अगस्‍त को समाप्‍त होगी।

By Agency Edited By: Himani Sharma Updated: Sun, 07 Jul 2024 11:00 AM (IST)
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हर हर महादेव के जयकारों के बीच रवाना हुआ एक और जत्‍था

एएनआई, श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2024) अस्‍थायी रूप से बंद होने के बाद फिर से उत्‍साह के साथ शुरू हो गई है। कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का एक और जत्था श्रीनगर में बालटाल बेस कैंप से रवाना हुआ।

हर-हर महादेव के मंत्रों के साथ तीर्थयात्रियों ने बहुप्रतीक्षित यात्रा पर निकलते समय प्रसन्नता व्यक्त की। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात हैं। श्रद्धालुओं ने अपने उत्‍साह को जाहिर भी किया।

श्रद्धालु दिखे काफी उत्‍साहित

मध्य प्रदेश के इंदौर की एक तीर्थयात्री मोनिका ने बताया कि हम बहुत उत्साहित हैं। हमने यात्रा करने की अचानक योजना बनाई। निश्चित रूप सेभगवान ने हमें बुलाया। यहां व्यवस्थाएं बहुत अच्छी हैं। यहां कोई समस्या नहीं है। प्रशासन हमारी अच्‍छी देखभाल कर रहा है।

बाबा बर्फानी की झलक पाने के लिए उत्‍सुक यात्री

हैदराबाद के एक अन्य तीर्थयात्री विजय भास्कर ने अमरनाथ यात्रा पर अपना उत्साह व्यक्त किया। उन्‍होंने कहा कि वह भगवान शिव के एक रूप 'बाबा अमरनाथ' की एक झलक पाने के लिए उत्सुक हैं।

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भास्कर ने कहा कि मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। मैं बाबा अमरनाथ की एक झलक पाने के लिए उत्सुक हूं। मैं तीर्थयात्रियों के लिए बेहतरीन इंतजाम करने के लिए सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं।

52 दिनों तक चलती है अमरनाथ यात्रा

इस साल यह यात्रा 29 जून को शुरू हुई और 52 दिनों तक चलने वाली 19 अगस्त को समाप्त होगी। भगवान शिव के भक्त जुलाई-अगस्त में कश्मीर हिमालय में स्थित पवित्र गुफा मंदिर की कठिन वार्षिक तीर्थयात्रा करते हैं।

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अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा संचालित है। यात्रा के दो मार्ग हैं पहलगाम और बालटाल। बालटाल जम्मू और कश्मीर के गांदरबल जिले में तीर्थयात्रियों के लिए शिविर स्थल के रूप में कार्य करता है। इस साल यह यात्रा जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमलों के साये में हो रही है।

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