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Amarnath Yatra 2024: सुबह से गूंज रहे बाबा बर्फानी के जयकारे, शाम होते ही टेंट नगरी रंग-बिरंगी रोशनी से सराबोर, श्रद्धालुओं के ठहरने का उत्तम प्रबंध

Amarnath Yatra 2024 श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए टेंट नगरी बसाई गई है। इस शिविर में श्रद्धालुओं के ठहरने का उत्तम प्रबंध किया गया है। उनकी हर सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। टेंट में सुविधाओं के आधार पर किराया दर तय होती है। एक हजार प्रति श्रद्धालु लिए जाते हैं और यह उसके ठहरने की अवधि पर निर्भर करता है।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Mon, 01 Jul 2024 08:42 AM (IST)
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Amarnath Yatra 2024: अमरनाथ यात्रा के लिए बालटाल आधार शिविर में बस गई श्रद्धालुओं की नगरी।
नवीन नवाज, श्रीनगर। कश्मीर और लद्दाख के बीच प्राकृतिक दीवार जोजि ला की पहाड़ियों की तलहट्टी में बसे बालटाल में सुबह से लेकर रात तक हर-हर महादेव, जय बाबा बर्फानी-भूखे को अन्न-प्यासे को पानी के जयघोष गूंज रहे हैं। शाम होते ही टेंट नगरी भी रंग-बिरंगी रोशनी से रोशन हो जाती है।

यही नहीं पहलगाम के नुनवन में ऐसी ही टेंट नगरी है। दोनों जगहों पर 50 हजार से अधिक भोले के भक्तों के ठहरने की व्यवस्था है। पानी, बिजली व संचार की सुविधाएं मौजूद हैं। बता दें कि समुद्रतल से 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित श्री अमरेश्वर धाम को ही श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा पुकारा जाता है। इसी पवित्र गुफा में भगवान शंकर ने मां पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाई थी।

श्रद्धालुओं के लिए टेंट सिटी तैयार

बालटाल श्री अमरेश्वर धाम का प्रमुख आधार शिविर है। श्री अमरेश्वर धाम तक पहुंचने का सबसे छोटा लगभग 14 किलोमीटर लंबा मार्ग बालटाल से ही है। बालटाल में पहुंच रहे श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए टेंट नगरी तैयार की है जिसमें लगभग तीन हजार छोटे बड़े टेंट हैं। इनमें लगभग 20 हजार श्रद्धालुओं के एक साथ ठहरने की व्यवस्था है। दक्षिण कश्मीर के नुनवन-पहलगाम में भी श्रद्धालुओं के लिए इसी तरह से टेंट सिटी तैयार की है।

जवान भी साजो सामान समेत तैनात

टेंट सिटी में श्रद्धालुओं के नहाने के अलावा सभी आवश्यक स्वच्छ सुविधाओं को सुनिश्चित बनाया है। यहां करीब 30-32 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को ठहराने के प्रबंध हैं। कचरा संग्रह और निष्पादन की पूरी व्यवस्था की है। जगह-जगह डस्टबीन लगाए हैं। टेंट नगरी के एक छोर पर शौचालय स्थापित किए हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए दमकल कर्मी व एसडीआरएफ के जवान भी अपनी साजो सामान समेत तैनात किए गए हैं।

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सुविधाओं के आधार पर किराया दर तय

टेंट सिटी में स्थानीय लोगों ने ही टेंट स्थापित किए हैं जो श्रद्धालुओं को ठहने की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। रियाज अहमद ने कहा कि टेंट में सुविधाओं के आधार पर किराया दर तय होती है। एक हजार प्रति श्रद्धालु लिए जाते हैं और यह उसके ठहरने की अवधि पर निर्भर करता है। बालटाल में सेना और पुलिस ने भी तंबु लगाए हैं। टेंट सिटी में दाखिल होने वाले प्रत्येक व्यक्ति की सुरक्षाकर्मियों द्वारा जांच की जाती है। पुलिस कर्मी अब्दुल अजीज ने कहा कि सुरक्षा को बनाए रखने के लिए सावधानी जरूरी है। जांच पड़ताल के बिना टेंट नगरी में कोई नहीं जा सकता।

सितंबर से लेकर मई तक वीरानी होती है

सोनमर्ग में होटल संचालक मुबीन अहमद ने कहा कि बालटाल में तो अब एक छोटा शहर बस गया है। अब यहां दो माह तक बड़ी रौनक होगी। अन्यथा बालटाल में खाली मैदान होता है और यात्रा से पहले यहां खानाबदोश गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के दो चार डेरे होते हैं। यात्रा के समय कोई नहीं कह सकता है कि यह जगह सितंबर से लेकर मई तक वीरान रहती है।

यहां रोम-रोम में भोले का वास

अहमदाबाद निवासी सुनील जोशी ने कहा कि यहां आकर ऐसा लग रहा है कि जैसे एक अलग शहर बसा हो। यहां रोम-रोम में भोले का वास है। हमारे शहर की एक लंगर संमिति ने भी यहां लंगर लगाया है,लेकिन हम उसके पास नहीं बल्कि टेंट सिटी में ठहरे हैं। टेंट में आप चाहें तो अपने लिए जमीन पर गद्दा बिछवा सकते हैं या फिर चारपाई भी ले सकते हैं। हमने दो टेंट बुक किए हैं।

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