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Amarnath Yatra 2024: ऊंचे पहाड़, बर्फीला रास्ता... फिर भी क्यों यात्रा करते हैं श्रद्धालु? आपको चौंका देगा ये छिपा महत्‍व

Amarnath Yatra 2024 अमरनाथ यात्रा शुरू हो गई है। इसको सबसे कठिन यात्रा में से एक माना जाता है। श्रद्धालुओं की श्रद्धा उन्‍हें बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए हर साल खींच लाती है। दूर-दूर से तीर्थयात्री अमरनाथ बाबा का आर्शीवाद लेने आते हैं। इस यात्रा को बहुत पवित्र माना जाता है। जम्‍मू कश्‍मीर प्रशासन की ओर से इस यात्रा का हर साल आयोजन किया जाता है।

By Himani Sharma Edited By: Himani Sharma Updated: Fri, 28 Jun 2024 08:02 PM (IST)
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Amarnath Yatra 2024: कठिन होने के बावजूद लोग करते हैं अमरनाथ यात्रा
डिजिटल डेस्‍क, श्रीनगर। Amarnath Yatra 2024: अमरनाथ यात्रा हिंदुओं के तीर्थ स्‍थलों में से एक है। हर साल लाखों की सांख्‍या में यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। यह जम्मू कश्मीर में 3,888 फीट की ऊंचाई पर है।

यह पवित्र यात्रा जम्‍मू कश्‍मीर प्रशासन की ओर से आयोजित की जाती है। अमरनाथ यात्रा कठिन यात्राओं में से एक है। आइए इस लेख के माध्‍यम से जानते हैं आखिर इस यात्रा को लोग क्‍यों करते हैं।

क्‍यों करते हैं यात्रा?

पुरानी मान्‍यता के अनुसार भगवान शिव ने माता पार्वती को इसी गुफा में अमरत्‍व का रहस्‍य के बारे में बताया था। श्रद्धालु इस पवित्र गुफा में शंकर भगवान की बर्फ की शिवलिंग के दर्शन करने के लिए आते हैं। मान्‍यता है कि इस यात्रा के करने से इंसान के सभी पाप नष्‍ट हो जाते हैं और मृत्‍यु के बाद उसे मोक्ष प्राप्‍त होता है। इस यात्रा के दौरान भक्‍तों को कई मुसीबतों का भी सामना करना पड़ता है। यूं ही नहीं इसे सबसे मुश्किल यात्रा कहा जाता है।

प्रशासन की ओर से पहले यात्रियों के स्‍वास्‍थ्‍य को जांचा जाता है। अगर सब कुछ सही आता है तभी भक्‍तों को यात्रा करने की अनुमति दी जाती है। श्रद्धालु भी इस यात्रा को बड़े ही भक्तिभाव से पूर्ण करते हैं। बाबा बर्फानी के दर्शन के बाद भक्‍तों को सौभाग्‍य प्राप्‍त होता है। जिसके बाद वह जो भी सच्‍ची श्रद्धा से बाबा बर्फानी से मांगते हैं वह अवश्‍य ही पूरा होता है।

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कहां से शुरू होती है यात्रा?

अमरनाथ यात्रा पहलगाम से शुरू होकर चंदनवाड़ी तक जाती है। वहीं यात्रा करने से लोगों को रजिस्‍ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है। इस दौरान चप्‍पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की जाती है, ताकि किसी भी तरह की कोई आतंकी घटना न हो पाए।

कब शुरू होती है यात्रा?

बाबा बर्फानी की ये पवित्र यात्रा आषाढ़ महीने से शुरू होकर श्रावण पूर्णिमा तक चलती है। श्रद्धलुओं के लिए पहलगाम और बलताल दो रास्‍ते बनाए गए हैं। यहां देशभर से लोग भगवान शिव का आर्शिवाद लेने आते हैं।

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