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आठ महीनों में सेना ने घुसपैठ कर रहे 27 आतंकियों को किया ढेर, SSP बोले- 'कुपवाड़ा बना जन्नत की हूरों से मिलने का दरवाजा'

पाकिस्तान की ओर से आतंकी घुसपैठ भारतीय सेना के लिए एक बड़ी परेशानी बनती जा रही हैं। पिछले आठ महीने में भारतीय सेना ने आतंकियों की घुसपैठ को नाकाम करते हुए 27 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। वहीं एसएसपी कुपवाड़ा युगल मन्हास ने कहा कि कुपवाड़ा अब आतंकियों और घुसपैठियों के लिए जन्नत की हूरों से मिलने के लिए मौत का दरवाजा साबित हो रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Fri, 27 Oct 2023 09:10 PM (IST)
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आठ महीनों में सेना ने घुसपैठ कर रहे 27 आतंकियों को किया ढेर (प्रतीकात्मक इमेज)।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। कश्मीर में नियंत्रण रेखा से सटा जिला कुपवाड़ा घुसपैठ करने वाले आतंकियों के लिए मौत का दरवाजा साबित हो रहा है। बीते आठ माह में यहां सेना ने घुसपैठ की 10 कोशिशों को विफल बनाते हुए न सिर्फ 27 आतंकियों को मार गिराया है, बल्कि बड़ी संख्या में हथियार और नशीले पदार्थ भी बरामद किए हैं। बीते गुरुवार को भी कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में सेना ने घुसपैठ कर रहे लश्कर-ए-तैयबा के पांच आतंकियों को मार गिराया।

नौगाम, केरन, करनाह, माछिल और टंगडार सेक्टर घुसपैठ की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील माने जाते हैं। कश्मीर में गुलाम जम्मू-कश्मीर की तरफ से होने वाली घुसैपठ की विभिन्न कोशिशों में से 60 प्रतिशत इन्हीं सेक्टरों में होती हैं। इसके बाद जिला बांडीपोरा में गुरेज और उसके बाद जिला बारामुला के अंतर्गत उरी सेक्टर का आतंकी घुसपैठ के लिए इस्तेमाल करते हैं।

कुपवाड़ा जिले में एलओसी के सामने गुलाम जम्मू-कश्मीर की नीलम और लीपाघाटी है, जहां आतंकियों के कई टैंट और लांच पैड हैं। वहीं से घुसपैठ की कोशिशें होती रहती हैं। पाक सेना की निगरानी में लांच पैड सक्रिय रहते हैं। इन पर आतंकियों को तभी लाया जाता है, जब उन्हें घुसपैठ करानी होती है।

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पाक सेना कर रही आतंकियों की लगातार मदद

घुसपैठ से दो-तीन दिन पहले या फिर कभी कभी एक सप्ताह पहले आतंकियों को लांच पैड पर लाया जाता है। सेना की 28 इनफैंटरी डिवीजन के जीओसी गिरीश कालिया ने कहा कि गुलाम जम्मू-कश्मीर में आतंकी ढांचा पहले की तरह मौजूद है। पाक सेना की मर्जी के बिना गुलाम जम्मू-कश्मीर की तरफ से एक भी आतंकी इस तरफ घुसपैठ की हिमाकत नहीं कर सकता।

पाक सेना बेशक संघर्ष विराम का पालन कर रही है, लेकिन वह आतंकियों की मदद जारी रखे हुए है। मच्छल में गुरुवार को हुई घुसपैठ में भी पाक सेना की भूमिका को नहीं नकारा जा सकता। बीते आठ महीने के दौरान कुपवाड़ा में एलओसी पर घुसपैठ की 10 कोशिशें हुई हैं। सभी को विफल किया है। इनमें 27 आतंकी मारे गए हैं। सभी विदेशी ही थे।

पाकिस्तान की तरफ से हथियार और नशीले पदार्थों की तस्करी भी हो रही है, जिसके खिलाफ सेना के जवानों ने अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ कार्रवाई कर रही है। हमारा घुसपैठरोधी तंत्र मजबूत है। उसकी लगातार समीक्षा की जाती है। पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियो के साथ हमारा पूरा समन्वय रहता है। कुपवाड़ा के भीतरी इलाकों से लेकर एलओसी से सटे इलाकों में स्थिति शांत है। यही कारण है कि अब कुपवाड़ा में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

दुश्मन की हर हरकत पर लगातार नजर

कर्नल रजत बीरमन ने कहा कि माछिल सेक्टर में हमारे जवान दुश्मन की हर हरकत पर लगातार नजर रखे हुए हैं। घुसपैठ की किसी भी आशंका से निपटने के लिए अग्रिम इलाकों में विशेष नाके स्थापित करने के अलावा तलाशी अभियान चलाया जाता है। गुरुवार को हुई घुसपैठ के मामले में कुपवाड़ा पुलिस ने समय रहते इसके बारे में सूचित किया था।

जिस इलाके में यह घुसपैठ हुई है, वह अत्यंत दुर्गम है। हमने एलओसी पर जहां तारबंदी हैं, वहां आसपास नाके स्थापित किए थे। पांच घुपैठियों ने जैसे ही भारतीय सीमा में दाखिल होने का प्रयास किया, उन्हें मुठभेड़ में उलझा लिया गया। यह अभियान पूरा दिन चला और पांचों आतंकी मारे गए।

कुपवाड़ा को आतंक मुक्त बनाने का मिशन

एसएसपी कुपवाड़ा युगल मन्हास कहते हैं कि हम कुपवाड़ा को आतंक मुक्त बनाने के मिशन पर काम कर रहे हैं। घुसपैठ की घटनाओं से भी निपटा जा रहा है। कुपवाड़ा अब आतंकियों और घुसपैठियों के लिए जन्नत की हूरों से मिलने के लिए मौत का दरवाजा साबित हो रहा है। हमारा खुफिया तंत्र मुस्तैद है। सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच व्यापक तालमेल है।

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