कश्मीर में छिपे हैं करीब 80 आतंकी, सेना लेफ्टिनेंट का दावा; बोले- इनके खात्मे के लिए सेना तैयार
Jammu Kashmir Terrorist News कश्मीर संभाग में करीब 80 आतंकी छिपे हैं। इस बात का दावा सेना की 15वीं कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने किया। राजीव ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि इनमें करीब 30 आतंकी विदेशी है। उन्होंने कहा कि इनके खात्मे के लिए सेना पूरी तरह तैयार है। पिछले वर्षों की तुलना में इस साल आतंकी हमलों में कमी आई है।
नवीन नवाज, श्रीनगर। Jammu Kashmir Terrorist News: कश्मीर घाटी में मौजूदा समय में सक्रिय आतंकियों की संख्या लगभग 80 है। इनमें 30 के करीब विदेशी आतंकी हैं।
यह दावा गुरुवार को सेना की 15वीं कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने पत्रकारों के साथ बातचीत में किया। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों की तुलना में इस वर्ष कश्मीर में आतंकियों की संख्या में कमी आई है।
समग्र सुरक्षा परिदृश्य में सुधार है और मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में आतंकियों की संख्या, भर्ती में और कमी आएगी। वादी के भीतरी भागों में भी स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है। एलओसी पर भी स्थिति पूरी तरह से हमारे नियंत्रण में है।
श्रीनगर में मौजूद सेना को कहा जाता है चिनार कोर
श्रीनगर स्थित सेना की 15 कोर को ही चिनार कोर कहा जाता है। कश्मीर घाटी में आतंकरोधी अभियानों के संचालन में मुख्य भूमिका निभाने वाली चिनार कोर ही उत्तरी कश्मीर में एलओसी की सुरक्षा का जिम्मा संभालती है।
कोर कमांडर ने कहा कि कश्मीर में शांति व सुरक्षा के वातावरण की बहाली व आतंकरोधी अभियानों की सफलता के पीछे आप स्थानीय जन सहयोग को नजरअंदाज नहीं कर सकते।
सेना, पुलिस, केंद्रीय अर्धसैन्यबलों व अन्य सभी सुरक्षा एजेंसियों के समन्वित प्रयासों से ही आज यहां सुरक्षा और विश्वास का माहौल है। आज पूरे कश्मीर में विकास का एक नया वातावरण बना है। यह कश्मीर में एक नए सुखद दौर की शुरूआत है।
गर्मियों के दौरान नहीं हुआ घुसपैठ का प्रयास
एलओसी पर घुसपैठ संबंधी सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारा घुसपैठरोधी पूर तरह समर्थ है। गर्मियों के दौरान घुसपैठ का कोई बड़ा प्रयास नहीं हुआ है, लेकिन कुछेक छिटपुट कोशिशें जरूर हुई हैं और उन्हें हमारे जवानों ने मौके पर ही विफल बनाया है।
इस दौरान घुसपैठ का प्रयास करने वाले आतंकी मारे गए हैं। घुसपैठ की घटनाओं की अगर बीते वर्षों से तुलना की जाए तो इनमें मौजूदा वर्ष में कमी महसूस की गई है।
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