जम्मू-कश्मीर में Article 370 की बहाली पर अब सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस, पीडीपी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस से पूछा सवाल
अनुच्छेद 370 और विशेष दर्जे की बहाली को लेकर जम्मू-कश्मीर में छिड़ी बहस अब इंटरनेट मीडिया पर भी पहुंच गई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी समेत विभिन्न राजनीतिक दल इस मुद्दे पर एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि वह सिर्फ वही वापस चाहती है जो गैर-कानूनी तरीके से छीना गया था। जानिए इस बहस के बारे में विस्तार से।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। अनुच्छेद 370 और विशेष दर्जे की पुनर्बहाली को लेकर प्रदेश विधानसभा में शुरू हुई रार अब इंटरनेट मीडिया पर पहुंच गई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस को उसके विरोधी विशेषकर पीडीपी ,उसे विशेष दर्जा की स्पष्ट व्याख्या करने को कह रही है।
कांग्रेस कह रही है कि हम वही चाहते हैं जो गैर-कानूनी तरीके से छीना गया है, वह लौटाया जाए। सभी दल अपने अपने तरीके से विधानसभा में लाए गए विशेष दर्जा बहाली के प्रस्ताव की व्याख्या कर खुद को सही साबित करने में लगे हैं।
केंद्र शासित जम्मू कश्मीर विधानसभा के हाल ही में संपन्न हुए पहले सत्र में प्रदेश सरकार ने विशेष दर्जा बहाली का प्रस्ताव लाया जो पारित हो गया।
इस प्रस्ताव में कहीं भी अनुच्छेद 370 और 35ए की बहाली कोई जिक्र नहीं है। सिर्फ यही कहा गया है कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल किया जाए और इसके लिए केंद्र सरकार को जम्मू कश्मीर के जन प्रतिनिधियों से बातचीत करनी चाहिए।
पीडीपी विधायक ने सोशल मीडिया पर पूछा सवाल
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की युवा इकाई के अध्यक्ष और विधायक वहीद उर रहमान परा ने अपने एक्स हैंडल पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा सैयद रुहुल्ला से पूछा है कि जिस तरह से उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी प्रस्ताव की व्याख्या कर रहे हैं, क्या वह उससे सहमत हैं, नेशनल कॉन्फ्रेंस उनके साथ है या फिर वह उस दर्जे की मांग कर रहे हैं जो अनुच्छेद 370 के मुताबिक था और जो हमसे छीना गया है।“No INC president or JKPCC president has a right to misinterpret the resolution passed by the J&K Legislative Assembly in the last session.”
— Waheed Para (@parawahid) November 15, 2024
This argument falls flat, considering the National Conference had a pre-poll alliance with Congress. So, it matters what the Congress…
उल्लेखनीय है कि उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने एक बयान में कहा है कि देश के 11 राज्यों को विशेष दर्जा प्राप्त है और उसी तरह हमने भी एक प्रस्ताव पारित कर जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष दर्जा मांगा है ताकि यहां स्थानीय लोगों के आर्थिक अधिकारों, जमीन और रोजगार पर उनके अधिकारों और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण हो सके परा ने आगे सवाल किया है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं से जब पूछो तो वह कहते हैं कि पांच अगस्त 2019 से पहले के विशेष दर्जे की बात हो रही है जबकि उपमुख्यमंत्री का बयान अलग है।
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