जम्मू-कश्मीर में लोकसभा के महासमर में मुद्दा बना विधानसभा चुनाव, पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की भी उठी मांग
State Assembly Election जम्मू-कश्मीर में लोकसभा के महासमर में विधानसभा चुनाव मुद्दा बन गया है। भाजपा लोकसभा चुनाव के बाद जल्द विधानसभा चुनाव का यकीन दिला रही है वहीं नेकां पीडीपी कांग्रेस व अन्य दल केंद्र सरकार और भाजपा पर विधानसभा चुनाव टालने का आरोप मढ़ रहे हैं। नेकां हर रैली में विधानसभा चुनाव और पूर्ण राज्य का दर्जा बहाली की मांग का मुद्दा उठा रही है।
नवीन नवाज, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में चुनाव भले ही लोकसभा का हो पर सभी राजनीतिक दलों के एजेंडे में विधानसभा चुनाव और प्रदेश के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना प्रमुख मुद्दा है।
प्रत्येक राजनीतिक दल के नेता और कार्यकर्ता अपनी बैठकों व रैलियों में इस मुद्दे को उठा रहे हैं। भाजपा लोकसभा चुनाव के बाद जल्द विधानसभा चुनाव का यकीन दिला रही है, वहीं नेकां, पीडीपी, कांग्रेस व अन्य दल केंद्र सरकार और भाजपा पर विधानसभा चुनाव टालने का आरोप मढ़ रहे हैं।
2018 में पीडीपी-भाजपा गठबंधन गिर गई थी सरकार
जम्मू-कश्मीर में अंतिम बार विधानसभा चुनाव वर्ष 2014 में हुए थे। उस समय जम्मू-कश्मीर व लद्दाख एक ही राज्य था। जून 2018 में तत्कालीन पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार गिर गई थी। 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन, मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण ओर अन्य कारण से विधानसभा चुनाव स्थगित होते रहे। स्थानीय व्यवसायी अमित खजूरिया कहते हैं कि छह वर्ष से यहां राज्यपाल और उपराज्यपाल शासन है। अब स्थानीय सरकार बननी चाहिए।यह भी पढ़ें: Jammu Kashmir News: महबूबा मुफ्ती ने रेलमंत्री को लिखा पत्र, शोपियां में रेलवे लाइन में बदलाव की रखी मांग
विधायक जनता के मुद्दों को आसानी से समझ सकते हैं। बड़े अधिकारी आम लोगों के बीच नहीं पहुंच पाते। इसलिए यहां सभी राजनीतिक दल विधानसभा के गठन की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख विकार रसूल वानी ने कहा कि विधानसभा चुनाव बड़ा मुद्दा है, इसकी चर्चा तो होनी ही है। भाजपा इसे टाल रही है। कश्मीर मामलों के जानकार आसिफ कुरैशी ने कहा कि यहां राजनीतिक दलों के मुद्दे हमेशा अलग रहे हैं। यह पहली बार है जब एक राजनीतिक मुद्दा सभी उठा रहे हैं। सभी दल लोकसभा चुनाव को विधानसभा चुनाव की तैयारी के तौर पर ले रहे हैं।
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