कश्मीर केंद्रित दल अनुच्छेद 370 (Article 370) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला आने के बाद भी संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं। अवामी नेशनल कान्फ्रेंस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुजफ्फर शाह ने वीरवार को अनुच्छेद 370 पर न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करने का एलान किया। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के संदर्भ में जो निर्णय सुनाया है उसमें कई विसंगतियां और खामियां हैं।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। Jammu-Kashmir News: कश्मीर केंद्रित दल अनुच्छेद 370 (Article 370) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला आने के बाद भी संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं। अवामी नेशनल कान्फ्रेंस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुजफ्फर शाह ने वीरवार को अनुच्छेद 370 पर न्यायालय में पुनर्विचार याचिका (Review Petition for Article 370) दायर करने का एलान किया।
ANC ने SC के फैसले में बताई खामियां
ANC ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के संदर्भ में जो निर्णय सुनाया है, उसमें कई विसंगतियां और खामियां हैं।
अनुच्छेद 370 पुनर्विचार याचिक दायर करेगा ANC
श्रीनगर में पत्रकारों से बातचीत में मुजफ्फर शाह ने दावा किया कि सभी कानून और संविधान विशेषज्ञों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाया गया निर्णय कई मूल मुद्दों पर पूरी तरह मौन है। इसलिए हम अपनी पुनर्विचार याचिका को तैयार कर रहे हैं और जैसे ही यह बन जाएगी, हम इस पर अपनी समिति में चर्चा करेंगे।
23 याचिकाकर्ता भी दायर करेंगे पुनर्विचार याचिका
इसके अलावा उन सभी 23 याचिकाकर्ताओं को भी इसे विचारार्थ सौंपा जाएगा, जिन्होंने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को अदालत में चुनौती दी थी।
फारुक अब्दुल्ला के जीजा ने किया था ANC का गठन
अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस भी उन राजनीतिक संगठनों में एक है, जिन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस का गठन पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला के जीजा जीएम शाह ने किया था। जीएम शाह भी जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे हैं।
पीएजीडी का घटक है ANC
उनका निधन छह जनवरी 2019 को हुआ था। उनकी पत्नी खालिदा शाह पार्टी की अध्यक्ष हैं, जबकि उनके पुत्र मुजफ्फर शाह वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं। अवामी नेशनल कान्फ्रेंस भी पीपुल्स एलांयस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) का एक घटक है।
अभी भी अनुच्छेद 370 बहाल की उम्मीदें
मुजफ्फर शाह ने कहा कि मुझे यकीन है कि लोग इस कानूनी लड़ाई में हमारे साथ खड़े रहेंगे। हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 370 को बहाल करेगा। उन्होंने कहा कि इस विषय में पीएजीडी की अगली बैठक में भी विचार किया जाएगा। मुजफ्फर शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर की जनता को पांच अगस्त 2019 का फैसला और सुप्रीम कोर्ट द्वारा 11 दिसंबर, 2023 को सुनाया गया निर्णय मंजूर नहीं है।
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पांच अगस्त 2019 को समाप्त किया गया था अनुच्छेद 370
बता दें कि केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के विभिन्न प्रविधानों को समाप्त करते हुए जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में पुनर्गठित किया था। केंद्र सरकार के इस कदम को कुछ दलों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसी माह अपना निर्णय सुनाते हुए अनुच्छेद 370 के संदर्भ में केंद्र सरकार के फैसले को संवैधानिक, कानूनी और न्यायोचित्त ठहराया था।
पुनर्विचार याचिका का विकल्प खुला: तारागामी
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की प्रदेश इकाई के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक मोहम्मद यूसुफ तारीगामी ने वीरवार को कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करने का विकल्प खुला है। इस संदर्भ में सभी संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। तारीगामी ने कहा कि हमने भी याचिका दायर की थी। मैं जम्मू कश्मीर के एक नागरिक की हैसियत से कहता हूं कि मुझे सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सही नहीं लगा, मैं इससे अहसमत हूं। इसलिए मैं चाहता हूं कि सुप्रीम कोर्ट अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे।
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