Jammu Kashmir News: लाल चौक में वीरों की शौर्य गाथा सुनाएगा बलिदान स्तंभ, स्वतंत्रता दिवस पर देश को किया जाएगा समर्पित
श्रीनगर में स्थित लाल चौक के प्रताप सिंह पार्क में बलिदान स्तंभ बनकर तैयार हो चुका है। कश्मीर को आतंकवाद से मुक्ति दिलाने में प्राणों की आहुति देने वाले सुरक्षाबल को समर्पित ये स्तंभ स्वतंत्रता दिवस पर देश को समर्पित किया जाएगा। 950 वर्ग फुट में बना ये स्तंभ देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए नया आकर्षण का केंद्र बनेगा।
रजिया नूर, श्रीनगर। श्रीनगर का दिल कहलाने वाला ऐतिहासिक लाल चौक अब बलिदानियों की शौर्य गाथा सुनाएगा। कश्मीर घूमने आने वाले देश-विदेश के पर्यटक लाल चौक में आकर जान सकेंगे कि कैसे हमारे वीरों ने कश्मीर को आतंकवाद के काले साये से मुक्ति दिलाने के लिए अपने प्राणों की आहुतियां दी हैं।
सुरक्षाबल के बलिदानों और आम लोगों को समर्पित बलिदान स्तंभ बनकर तैयार हो चुका है। इस स्तंभ में बलिदानियों के साथ उन आम लोगों के नाम भी अंकित हैं, जिन्होंने आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाने में अपनी जान दी है।
कल देश को किया जाएगा समर्पित
लाल चौक के प्रताप पार्क में स्थित यह बलिदान स्तंभ 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस पर देश को समर्पित कर दिया जाएगा। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा इसका उदघाटन कर सकते हैं। यह श्रीनगर में किसी सार्वजनिक स्थल पर अपनी तरह का पहला बलिदान स्तंभ है।यह भी पढ़ें: Jammu Kashmir News: कर्नल मनप्रीत, DSP हुमायूं समेत चार महावीरों को कीर्ति चक्र; 103 सुरक्षाबलों को मिला वीरता पुरस्कार
पिछले वर्ष केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर दौरे के दौरान इस बलिदान स्तंभ की आधारशिला रखी थी। कश्मीर में राजा महाराजाओं व मुगलों की याद में कई स्मारक मौजूद हैं, लेकिन 1990 के दशक में फैले आतंकवाद से लड़ते बलिदान होने वाले सुरक्षाबलों व आम नागरिकों की याद में बनने वाला यह श्रीनगर में पहला स्तंभ है।
पिछले वर्ष केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर दौरे के दौरान इस बलिदान स्तंभ की आधारशिला रखी थी। कश्मीर में राजा महाराजाओं व मुगलों की याद में कई स्मारक मौजूद हैं, लेकिन 1990 के दशक में फैले आतंकवाद से लड़ते बलिदान होने वाले सुरक्षाबलों व आम नागरिकों की याद में बनने वाला यह श्रीनगर में पहला स्तंभ है।
प्रताप सिंह पार्क में बना है यह बलिदान स्तंभ
यह बलिदान स्तंभ लाल चौक में घंटाघर से मात्र 250 मीटर दूर प्रताप सिंह पार्क में बना है। बलिदान स्तंभ ने इस पूरे क्षेत्र को और ज्यादा विशेष बना दिया है। एक वर्ष के भीतर इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है।
वहीं, स्थानीय युवक आमिर अब्बास ने कहा कि यह बलिदान स्तंभ हमें याद दिलाता रहेगा कि हमें आतंकवाद के शिकंजे से मुक्ति दिलाने में किन लोगों ने अपनी कुर्बानी दी है। यह स्तंभ हमें सीधे रास्ते पर कदम जमाए रखने के लिए प्रेरित करता रहेगा।यह भी पढ़ें: Doda Encounter: स्वतंत्रता दिवस से पहले डोडा में मुठभेड़, एक आतंकी ढेर; सेना का अधिकारी शहीद
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