'उमर अब्दुल्ला तो दूर... इनकी पीढ़ियों के भी बस की बात नहीं'; अनुच्छेद 370 की बहाली पर BJP नेता सुनील शर्मा की खरी-खरी
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल करने के प्रस्ताव पर भाजपा विधायक दल के नेता सुनील शर्मा ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि उन्होंने विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर दिया है लेकिन वह अच्छी तरह जानते हैं कि उनकी पीढ़ियां भी अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं कर पाएंगी।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नेता सुनील शर्मा ने शुक्रवार मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उमर अब्दुल्ला ने सही कहा है कि वह दुनिया के दिखाना चाहते थे कि विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया है। वह इस सच्चाई से भली भांति परिचित हैं कि अब उनकी अपने वाली पीढ़ियां, अब कोई भी जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को पुनर्बहाल नहीं कर सकता।
आज सदन से वॉकआउट करने के बाद भाजपा के विधायकों ने विधानसभा परिसर के बाहरी लॉन में एक समानांतर सत्र आयोजित किया था। इसी दौरान पत्रकारों से बातचीत में सुनील शर्मा ने कहा कि हमारे विधायकों को मार्शलों ने जबरदस्ती बाहर निकाला। यह अनुचित और अशोभनीय है।
विधानसभा सदस्यों के साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है। हमारे साथियों को जब बाहर निकाल दिया गया, उसके बाद में अपने कुछ अन्य साथियों के साथ भीतर सदन में मौजूद रहा ताकि स्पीकर हमारबात सुनें। दुर्भाग्यजनक है कि स्पीकर निष्पक्ष होने और सदन का संरक्षक होने के बजाय एक दल विशेष के कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहा है।
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अलगाववाद और बर्बादी का दौर चाहती है NC- सुनील शर्मा
उन्होंने कहा कि यहां अनुच्छेद 370 और विशेष दर्जे के नाम पर लाखों लोगों को मरवाने के बाद, अब एक बार फिर यह पार्टी सदन में एक प्रस्ताव लाकर अनुच्छेद 370 केा बहाल कराने का प्रयास कर रही है ताकि यहां फिर मारकाट, अलगाववाद और बर्बादी का दौर चले। हम यह नहीं होने देंगे।उन्होंने कहा कि हमें जनता के मुद्दे उठाने थे और सरकार से लोगों से किए गए वादों को पूरा करने के लिए कहना था। इसलिए इन मुद्दों को उठाने के लिए यहां एक समानांतर विधानसभा सत्र का आयोजन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का नाम लेते हुए कहा कि उन्हें प्रस्ताव के माध्यम से दुनिया को दिखाना था कि उन्होंने एक प्रस्ताव पारित किया है जो उन्होंने किया जबकि सच्चाई यह है कि वह अच्छी तरह जानते हैं कि उनकी पीढ़ियां अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं कर पाएंगी।
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