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Loksabha Election: बारामूला व लद्दाख में हुई बंपर वोटिंग, गृहमंत्री शाह और एलजी मनोज सिन्हा ने कहा- '370 के बाद का बदलाव'

बारामूला और लद्दाख सीट पर सोमवार को हुए मतदान में बंपर वोटिंग हुई। साल 1984 के बाद बारामूला सीट पर पहली बार रिकॉर्ड 59 फीसदी मतदान हुआ जबकि लद्दाख में 70 फीसदी वोटिंग हुई। इसके साथ ही सैयद अली शाह गिलानी अफजल गुरू मकबूल बट और सैयद सलाहुद्दीन जैसे अलगाववादियों के गांव में भी काफी वोटिंग हुई। वहीं गृहमंत्री अमित शाह और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने खुशी जाहिर की।

By Jagran News Edited By: Deepak Saxena Updated: Tue, 21 May 2024 02:01 PM (IST)
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बारामूला व लद्दाख में हुई बंपर वोटिंग, गृहमंत्री शाह और एलजी मनोज सिन्हा ने दी अपनी प्रतिक्रिया।
नवीन नवाज, श्रीनगर। पाकिस्तान से लगती नियंत्रण रेखा से सटी बारामूला संसदीय सीट पर सोमवार को वोटों की बारिश हुई। कोई मतदान केंद्र ऐसा नहीं था, जिसके बाहर मतदाता पूरे उत्साह के साथ लंबी कतारों में वोट डालने का इंतजार करते नजर नहीं आए। कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी, अफजल गुरू, मकबूल बट और सैयद सलाहुद्दीन जैसे अलगाववादियों-आतंकियों के क्षेत्रों में बने मतदान केंद्रों में भी भीड़ रही।

साल 1984 के बाद बारामूला में हुई बंपर वोटिंग

यही कारण रहा कि बारामूला में रिकॉर्ड करीब 59 प्रतिशत मतदान हुआ। लगभग 40 वर्ष बाद यानी 1984 के बाद इस सीट पर यह अब तक का सबसे अधिक मतदान प्रतिशत भी है। वर्ष 1984 में यहां 61.09 प्रतिशत वोट पड़े थे। अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार हो रहे लोकसभा चुनाव में मतदाताओं ने श्रीनगर सीट पर भी भारी उत्साह दिखाया था।

लोकतंत्र के महापर्व में जम्मू-कश्मीर के लोगों की बड़ी भागीदारी न सिर्फ लोकतंत्र के प्रति मजबूत आस्था का संदेश है, बल्कि मतदान को लेकर निष्क्रियता दिखाने वाले देश के दूसरे हिस्सों में रहने वाले लोगों को सीख देने वाली भी है।

लद्दाख में हुआ 70 फीसदी मतदान

उधर, लद्दाख की एकमात्र सीट पर करीब 70 प्रतिशत मतदान हुआ। कश्मीर में पिछले 37 वर्ष में पहली बार मतदान के दौरान कहीं कोई आतंकी घटना नहीं हुई। सिर्फ दो जगह राजनीतिक दलों के समर्थकों में छिटपुट हिंसा की घटना जरूर हुई। सुबह से शाम तक चले लोकतंत्र के इस महोत्सव में कहीं भी मतदाताओं में भय का भाव नजर नहीं आया, बल्कि उनमें नयी उम्मीदों का उल्लास था, जो उन्हें मतदान केंद्र तक खींचकर लाया था।

बारामूला में 22 उम्मीदवारों का भाग्य EVM में कैद

इसके साथ ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स कान्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पाटी के मीर मोहम्मद फैयाज और निर्दलीय शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद समेत 22 उम्मीदवारों का भाग्य भी ईवीएम में बंद हो गया। गुलमर्ग में बर्फ से ढकी चोटियों से लेकर उत्तरी कश्मीर में कुपवाड़ा में एलओसी के साथ सटे टंगडार सेक्टर तक फैले बारामूला क्षेत्र में सुबह से ही मतदान केंद्रों के बाहर भीड़ जमा होने लगी थी।

आतंकियों व अलगाववादियों के गांव में भी हुआ खूब मतदान

पूरे संसदीय क्षेत्र में 17.37 लाख मतदाताओं के लिए 2103 मतदान केंद्र बनाए गए थे। इनमें से 28 मतदान केंद्र उड़ी, नौगाम, टंगडार और गुरेज समेत एलओसी के साथ सटे थे। सुबह मतदान की गति धीमी थी, लेकिन जैसे दिन चढ़ता गया, मतदान जोर पकड़ता गया। सबसे अधिक हंदवाड़ा में 72 प्रतिशत, सबसे कम गुरेज में 40.82 प्रतिशत मतदान हुआ। गिलानी, अफजल गुरू, मकबूल बट व सलाहुद्दीन जैसे आतंकियों व अलगाववादियों के गांव में भी खूब मतदान हुआ।

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बारामूला की वोटिंग पर बोले गृहमंत्री अमित शाह

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कश्मीर के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर! आज बारामूला लोकसभा क्षेत्र में पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में लगभग 25 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ। अब यह कहने की जरूरत नहीं है कि कश्मीर में शांति और विकास सुनिश्चित करने के मोदी सरकार के प्रयासों ने लोकतंत्र में लोगों का भरोसा मजबूत किया है। यह उन लोगों के लिए करारा जवाब है जो पूछते हैं कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद क्या बदलाव आया है?

उपराज्यपाल सिन्हा ने बारामूला में मतदान को बताया उत्साहजनक

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि बारामूला सीट पर मतदान प्रतिशत बहुत उत्साहजनक है। यह लोकतंत्र में लोगों के अटूट विश्वास को दर्शाता है। मैं लोगों को लोकतंत्र के महाकुंभ में बड़ी संख्या में शामिल होने के लिए बधाई देता हूं।

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