Srinagar News: रूस-यूक्रेन युद्ध में धकेल रहे एजेंटों का CBI ने किया पर्दाफाश, पीड़ित परिवार के दर्ज किए बयान
सीबीआई ने हाल ही में भारतीय युवाओं के शोषण से जुड़े 19 लोगों और वीजा कंसल्टेंसी फर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसके साथ ही सीबीआई ने पीड़ित कश्मीरी व्यक्ति आजाद यूसुफ कुमार के परिवार के बयान भी दर्ज किए हैं। वहीं पीड़ित के परिवार ने आरोप लगाया है कि धोखे से दुबई में नौकरी के लिए बुलाया इसके बाद उन्हें रूस-यूक्रेन के युद्ध में धकेल दिया।
पीटीआई, श्रीनगर। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक कश्मीरी व्यक्ति आजाद यूसुफ कुमार के परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज किए हैं, उनका कहना है कि कथित तौर पर धोखे के बाद अनजाने में रूस-यूक्रेन संघर्ष में धकेल दिया गया था। एजेंसी ने हाल ही में भारतीय युवाओं के शोषण से जुड़े 19 लोगों और वीजा कंसल्टेंसी फर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद उनके बयान दर्ज किए हैं।
आजाद के बड़े भाई सज्जाद अहमद कुमार ने बताया कि सीबीआई ने उनसे उनके भाई की स्थिति के बारे में पूछताछ की और अपने नई दिल्ली कार्यालय में उनकी उपस्थिति चाही। हालांकि, वो वर्तमान वित्तीय परिस्थितियों के कारण अनुपालन करने में असमर्थ था। सज्जाद ने यह भी कहा कि 12 अन्य प्रभावित भारतीय पुरुषों के परिवारों से सीबीआई ने संपर्क किया है और उन्होंने अपने प्रियजनों की सुरक्षित वापसी की इच्छा पर जोर दिया है।
एजेंटों के गिरोह का सीबीआई ने किया पर्दाफाश
सीबीआई ने आठ मार्च को भारतीय व्यक्तियों को युद्ध क्षेत्र में फंसाने वाले मानव तस्करी नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया था और रूस में स्थित एजेंटों सहित प्रमुख सूत्रधारों की पहचान की थी। इन एजेंटों ने कथित तौर पर भारतीय युवाओं को रूस में नौकरी की शानदार पेशकश का प्रलोभन दिया, जिससे उन्हें संघर्ष में सैन्य भागीदारी के लिए मजबूर किया जा सके।
रूसी सेना में भाड़े के सैनिक में हुए भर्ती
पुलवामा के 31 वर्षीय इंजीनियरिंग ग्रेजुएट आजाद ने शुरू में दुबई में नौकरी के अवसरों की तलाश की, लेकिन झूठे वादों से गुमराह हो गए। इसके बाद उन्होंने खुद को रूसी सेना के लिए भाड़े के सैनिक के रूप में पाया। उनके परिवार ने यूक्रेन सीमा पर उनकी खतरनाक स्थिति के बारे में बताया और सरकार से उनकी सुरक्षित वापसी के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।
अच्छी नौकरी की तलाश में गए थे दुबई
परिवार के अनुसार, यूट्यूबर फैसल खान द्वारा लालच दिए जाने के बाद आजाद पिछले साल 14 दिसंबर को अच्छी नौकरी की तलाश में दुबई चले गए थे। लेकिन उस युवक को क्या पता था कि वह युद्ध लड़ेगा। परिवार ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने और उसे उस युद्ध से बचाने का आग्रह करते हुए कहा कि यूट्यूबर ने उसे दुबई में नौकरी देने का वादा किया था। हालांकि, वह रूसी सेना के लिए भाड़े का सैनिक बन गया है।
सज्जाद ने बताया कि वह अभी यूक्रेन सीमा पर है। हमने कुछ दिन पहले उससे बात की थी और उसने हमें बताया था कि उसकी जान खतरे में है। उसे जबरन एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया था जो रूसी भाषा में था और इस तरह वह वहां पहुंच गया।
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15 दिनों का दिया सैन्य प्रशिक्षण
सज्जाद ने कहा कि आजाद शाम के समय दो से तीन मिनट के लिए परिवार को फोन कर लेते हैं। उन्होंने अपने भाई के हवाले से कहा कि वे अभी जंगलों में बंकर बना रहे हैं। वे काला सागर से आगे बढ़ गए हैं। वे इलाकों पर कब्जा कर लेते हैं और फिर वहां बंकर बनाते हैं। आजाद को 15 दिनों का सैन्य प्रशिक्षण दिया गया था, जिसके दौरान उन्हें एक गोली लगी थी और उन्हें दो सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती रखना पड़ा था। उनका ढाई महीने का बेटा है जिससे वह अब तक मिले भी नहीं हैं।
रसोई में सहायक का कहकर युद्ध में भेज दिया
सज्जाद ने कहा कि उन्हें एजेंटों ने बताया था कि आजाद को रसोई सहायक के रूप में नौकरी दी जाएगी लेकिन उन्हें युद्ध लड़ने के लिए रूसी सेना के साथ भेजा गया था। रूसी सरकार को शामिल करने और आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने के भारतीय अधिकारियों के प्रयासों के बावजूद, उनकी वापसी की दिशा में बहुत कम प्रगति हुई है। आजाद के परिवार ने उनकी भलाई के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की।
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