उमर अब्दुल्ला के आरोपों को केंद्र सरकार ने बताया बेबुनियाद, कहा- यह सिर्फ अटकलबाजी है
केंद्र सरकार ने नेशनल कान्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के आरोपों को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव को मुख्यमंत्री/निर्वाचित सरकार की शक्तियों को कम करने और उन्हें उपराज्यपाल को सौंपने के प्रयास किए जा रहे हैं। गृह मंत्रालय ने कहा कि उमर अब्दुल्ला का दावा पूरी तरह से बेबुनियाद और सिर्फ एक अटकलबाजी है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को नेशनल कान्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव को मुख्यमंत्री/निर्वाचित सरकार की शक्तियों को कम करने ओर उन्हें उपराज्यपाल को सौंपे जाने के प्रयास किए जाने के आरोप को भ्रामक बताया है। गृह मंत्रालय के अनुसार,नेशनल कान्फ्रेंस के नेता का दावा पूरी तरह बेबुनियाद और सिर्फ एक अटकलबाजी है।
गृह मंत्रालय ने देर रात गए एक बयान में स्पष्ट किया कि उमर अब्दुल्ला के दावों में कोई सच्चाई नहीं है। गृह मंत्रालय के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 पूरी तरह से लागू है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि इस अधिनियम के तहत सरकार के कामकाज और अधिकारों के संदर्भ में सभी नियम 2020 में अधिसूचित किए गए थे। इन नियमों में किसी भी तरह कोई बदलाव नही किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि उमर अब्दुल्ला आज शाम को अपने एक्स हैंडल पर लिखा था कि भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में हार को स्पष्ट रूप से स्वीकार कर लिया है। अन्यथा मुख्य सचिव को सरकार के कामकाज से संबंधित नियमों को बदलने का काम क्यों सौंपा जाएगा।
यह सिर्फ मुख्यमंत्री/निर्वाचित सरकार की शक्तियों को कम करने, उन्हें कमजोर बना, उपराज्यपाल को उक्त अधिकार व शक्तियां सौंपने के लिए किया जा रहा है। उमर ने आगे लिखा है कि उन्हे यह जानकारी सचिवालय के भीतर से मिली है।
इसके साथ ही उनहोंने कहा कि अधिकारियों से आग्रह है कि वह आामी निर्वाचित सरकार को और अधिक शक्तिहीन करने के किसी भी दबाव का विरोध करें।