Srinagar: ATM गार्ड की हत्या मामले में SIA ने 12 आरोपियों के खिलाफ दायर की चार्जशीट, तीन किशोरों के नाम भी शामिल
कश्मीरी पंडित एटीएम गार्ड की हत्या (Kashmiri Pandit ATM Guard Murder Case) के मामले में एसआईए ने 12 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। 26 फरवरी 2023 को एटीएम गार्ड संजय शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में तीन किशोरों के नाम भी शामिल हैं। वहीं एसआईए जांच में पाकिस्तानी कनेक्शन का भी पता चल रहा है।
एजेंसी (पीटीआई), श्रीनगर। राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) कश्मीर ने पिछले साल फरवरी में एक कश्मीरी पंडित एटीएम गार्ड की हत्या के मामले में 12 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। 26 फरवरी 2023 को दक्षिण कश्मीर के अच्छन पुलवामा में संजय शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, अधिकारियों का कहना है कि जांच में सीमा पार से एक व्यापक साजिश का संकेत मिला है।
अधिकारी ने बताया कि एसआईए कश्मीर ने कश्मीरी पंडित संजय शर्मा की नृशंस हत्या के संबंध में 12 व्यक्तियों के खिलाफ एक चार्जशीट दायर की है। मामला, शुरुआत में पुलिस स्टेशन लिटर पुलवामा में दर्ज किया गया था, जिसे बाद में विशेष जांच के लिए एसआईए कश्मीर में स्थानांतरित कर दिया गया था। पुलवामा में एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) अधिनियम के तहत विशेष नामित अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया गया है।
पाकिस्तान निवासी खालिद कामरान भी शामिल
आरोपियों में पाकिस्तान निवासी खालिद कामरान शामिल हैं। शोपियां निवासी जाजिम फारूक वानी उर्फ अबरार, शमीम अहमद भट उर्फ अंकल, दानिश अहमद ठोकर और उबैद अहमद पद्दार, अनंतनाग निवासी जफर हुसैन भट उर्फ खुर्शीद कश्मीरी, नासिर फारूक शाह, आमिर हुसैन वानी, तौसीफ अहमद पंडित, सज्जाद अहमद भट उर्फ अफनान भट और साहिल बशीर डार और कुलगाम-निवासी सरजील अहमद भट का नाम शामिल है।
13 आरोपियों में फिलहाल 8 न्यायित हिरासत में
अधिकारियों ने कहा कि यासिर शब्बीर वानी की भूमिका की जांच जारी है, जबकि तीन किशोरों सहित 13 आरोपियों में से आठ फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।जाजिम फारूक वानी, ठोकर और पद्दर सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए हैं। उन्होंने बताया कि जफर हुसैन भट उर्फ खुर्शीद कश्मीरी और खालिद कामरान फरार हैं। उपरोक्त आधिकारिक बयान में कहा कि आरोपी का उद्देश्य घाटी में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव के पुनरुद्धार को बाधित करना था, अल्पसंख्यक समुदाय के एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या का उपयोग सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देने और आतंकवाद को बनाए रखने के लिए करना था।
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