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पीडीपी नेता वहीद परा के खिलाफ आरोप पत्र पेश, राष्ट्रद्रोह के आरोप

आतंकवाद-राजनीतिक गठजोड़ में कथित तौर पर संलिप्त पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की युवा इकाई के अध्यक्ष वहीद उर रहमान परा के खिलाफ मंगलवार को पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दायर कर दिया।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 02 Jun 2021 05:04 AM (IST)
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पीडीपी नेता वहीद परा के खिलाफ आरोप पत्र पेश, राष्ट्रद्रोह के आरोप

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : आतंकवाद-राजनीतिक गठजोड़ में कथित तौर पर संलिप्त पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की युवा इकाई के अध्यक्ष वहीद उर रहमान परा के खिलाफ मंगलवार को पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दायर कर दिया। पीडीपी नेता को विभिन्न गैर कानूनी व राष्ट्रद्रोह की गतिविधियों में आरोपित बनाया गया है।

पुलिस प्रवक्ता ने वहीद परा के खिलाफ आरोप पत्र दायर किए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि परा के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामले हैं। आरोपपत्र में उन सभी तथ्यों का विस्तार से जिक्र किया गया है जो उन पर लगाए गए आरोपों को सही ठहराते हैं। वह राजनीतिकों और आतंकियों के बीच तथाकथित गठजोड़ की कड़ी है।

वहीद परा को राष्ट्रीय जाच एजेंसी (एनआइए) ने बीते साल नवंबर में गिरफ्तार किया था। एनआइए ने उन्हें आतंकी-पुलिस गठजोड़ में पकड़े गए जम्मू कश्मीर पुलिस के तत्कालीन डीएसपी (अब सेवामुक्त) देविंदर सिंह और उसके साथ पकड़े गए आतंकी नवीद मुश्ताक से मिले सुरागों के आधार पर गिरफ्तार किया था। एनआइए की विशेष अदालत में 10 जनवरी, 2021 को वहीद परा को जमानत मिल गई थी, लेकिन अगले ही दिन जम्मू कश्मीर पुलिस के काउंटर इंटेलीजेंस विंग ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। परा ने पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद एक बार फिर अदालत में जमानत याचिका दायर की, लेकिन पुलिस ने जाच का हवाला देते हुए जो तथ्य अदालत में पेश किए, उनके आधार पर याचिका खारिज हो गई थी। इसी वर्ष मार्च में एनआइए ने भी परा के खिलाफ अदालत में एक आरोपपत्र दायर किया।

जाच के दौरान पुलिस और एनआइए ने पता लगाया है कि वहीद परा ने न सिर्फ दक्षिण कश्मीर में पत्थरबाजों का एक गुट बना रखा था, बल्कि ऊधमपुर आत्मघाती हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अबु दुजाना की भी कथित तौर पर वित्तीय मदद की थी। वह जुलाई 2016 में मारे गए आतंकी बुरहान वानी के संपर्क में भी कथित तौर पर था। उस पर एक हुर्रियत नेता को पाच करोड़ रुपये देने का भी आरोप है। उसने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा से श्रीनगर तक अपने वाहन में कथित तौर पर आतंकियों के लिए हथियार भी लाए। वह हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों की लगातार मदद करने के अलावा कुछ अहम संस्थानों में भी अलगाववादी तत्वों की पहुंच को सुनिश्चित बनाने में जुटा था ताकि उनका प्रभाव हर जगह बढ़ाया जा सके।

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