कश्मीर की धरती ने ओढ़ी लाल रंग की चादर, हर जगह खूबसूरती बिखेर रहे चिनार के पत्ते; नजारा देख मंत्रमुग्ध हो रहे पर्यटक
चिनार के सुर्ख पत्ते न पूरे माहौल में एक नयी रुमानियत का अहसास जगा रहे हैं। चिनार के पत्ते नारंगी पीले और लाल रंग में बदल जाते हैं। सुबह जब सूरज उगता है तो उसकी किरणें जब इसकी शाखाओं को चीरते हुए निकलती है तो ऐसे लगता है कि जैसे इसके पत्तों से सोना पिघल रहा हो।
नवीन नवाज, श्रीनगर। खिजां में बहार यह कैसे हो सकता है, लेकिन यह सच है और खिजां में बहार देखने के लिए कश्मीर आना पड़ेगा,जहां चिनार के सुर्ख पत्ते न पूरे माहौल में एक नयी रुमानियत का अहसास जगा रहे हैं।
इन दिनोें कश्मीर में हारुद(पतझड़- खिजां) चल रहा है और जब खिजां होती है तो फूल नहीं खिलते,पेड़ों से पत्ते झड़ जाते हैं,लेकिन चिनार इसे झुठलाता है, उसके पत्ते नारंगी, पीले और लाल रंग में बदल जाते हैं। सुबह जब सूरज उगता है तो उसकी किरणें जब इसकी शाखाओं को चीरते हुए निकलती है तो ऐसे लगता है कि जैसे इसके पत्तों से सोना पिघल रहा हो।
आग में लाल हुए जैसे लगते हैं पत्ते
चिनार के सुुर्ख पत्ते जब नीचे गिरते हैं तो उनके ऊपर जब किसी का पांव पड़ता है तो एक अलग ही आवाज निकलती है। दूर से देखो तो सा ऐसा लगता है कि जैसे यह पत्ते आग में लाल हुए हों। चिनार की इस रुमानियत में डूबने के लिए इन दिनों कश्मीर में सैलानियों की आमद भी खूब हो रही है।
सूखे सुर्ख पत्तों के बीच समय गुजारना पसंद कर रहे लोग
हिलाल अहमद बडियारी ने कहा कि नवंबर हमारे लिए ऑफ सीजन होता है, लेकिन चिनार के सुर्ख पत्तों ने इसे भी पर्यटन सीजन बना दिया है। सिर्फ पर्यटक ही नहीं स्थानीय लोग भी चिनार के सूखे सुर्ख पत्तों के बीच अपना वक्त गुजारना पसंद कर रहे हैं।
'पहले केवल फिल्मों में देखा और अब हकीकत से किया सामना'
कश्मीर घूमने आए दलीप कुमार ने कहा कि मैने तो चिनार के पत्तों को सिर्फ फिल्मों में ही पेड़ से धीरे-धीरे गिरते देखा है। मैने अपने बचपन में अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान की एक फिल्म में चिनार के पत्तों को गिरते देखा था। उसके बाद से सोच रहा था कि मैं भी कभी ऐसे ही चिनार के पेड़ों के बीच घूमने जाऊंगा। यहां आकर वैसा ही कुछ अहसास हो रहा है।
चिनार की बहार का मजा लेने पहुंच रहे लोग
शालीमार, निशात, चिनार बाग ,हारवन के अलावा दक्षिण कश्मीर में बीजबेहाड़ा, अनंतनाग और उत्तरी कश्मीर के बारामुला के अलावा गांदरबल में भी चिनार की बहार का मजा लेने के लिए पर्यटक पहुंच रहे हैं। जावेद डार नामक एक टैक्सी चालक ने कहा कि हम जब सैलानियों को लेकर गुलमर्ग, पहलगाम, सोनमर्ग या किसी अन्य जगह लेकर जाते हैं तो वह हमसे कहते हैं कि चिनार के पेडृों के बीच चलो,जरा कुछ देर वहां ठहरेंगे, तस्वीरें लेनी है।
कश्मीर बना सदाबहार टूरिस्ट डेस्टिनेशन
पर्यटन सचिव डॉ सैयद आबिद रशीद ने कहा कि कश्मीर अब सदाबहार टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन चुका है। कश्मीर में पतझड़ जिसे हम कश्मीरी में हारुद कहते हैं अक्टूबर के मध्य से नवंबर तीसरे सप्ताह के अंत तक चलता है, ही इस समय चल रहा है।
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लोगों में चीनार के लिए बहुत क्रेज
नवंबर में कश्मीर में पर्यटकों की संख्या नाममात्र ही होती रही है,लेकिन आपको इन दिनों भी कश्मीर में पर्यटकों की भीड़ खूब है। लोगों में चिनार को लेकर बहुत क्रेज है। उन्होंने कहा कि चिनार की खूबसूरती को लेकर इंटरनेट मीडिया पर जिस तरह से लोग तस्वीरें और वीडियो शेयर कर रहे हैं, दोस्तों को चिनार की तस्वीरें भेज रहे है, ब्लागर भी लिख रहे हैं, उससे कश्मीर में पतझड़ के मौसम में भी एक आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में प्रतििष्ठित हुआ है।
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