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जम्मू-कश्मीर के लोगों को जल्द मिलेगी फ्री बिजली, 12 सिलेंडर और राशन, CM उमर अब्दुल्ला का एलान

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में अपने सभी चुनावी वादों को पूरा करने का भरोसा दिलाया है। जल्द ही लोगों को मुफ्त बिजली 12 गैस सिलेंडर और राशन में बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा। सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भी जल्द भरा जाएगा। उन्होंने कहा कि हम जनता के साथ किए गए वादों को पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध हैं।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Sat, 09 Nov 2024 01:30 PM (IST)
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जम्मू-कश्मीर में मिलेगी फ्री बिजली, CM उमर अब्दुल्ला का एलान (जागरण फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को सदन में अपने सभी चुनावी वादे पूरा करने का यकीन दिलाते हुए कहा कि फ्री बिजली, 12 गैस सिलेंडर और राशन में बढ़ोतरी जल्द होगी।

इस विषय में आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है। सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भी जल्द भरा जाएगा। रही बात जेलों में बंद कैदियों के मामलों की समीक्षा की तो वह हमारे अधिकार में नहीं है, जब वह हमारे अधिकार में होगा उस पर काम किया जाएगा।

विधानसभा में उपराज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई बहस का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री उमर ने विभिन्न सदस्यों द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों के यथासंभव समाधान का यकीन दिलाया। उन्होंने कहा कि हम जनता के साथ किए गए वादों को पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध हैं।

उन्होंने कहा कि यहां सीआइडी जांच का मामला भी उठा है। सीआइडी जांच को यहां लोगों के खिलाफ एक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।

उमर ने कहा कि विभिन्न सड़कों पर नाकेबंदी और सुरक्षा के नाम पर वाहनों को रोके जाने के मुद्दे पर मैंने कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से बातचीत की है। उनसे आग्रह किया है कि वह सुरक्षा से समझौता किए बिना कोई ऐसा फार्मूला निकालें, जिससे आम लोगो की आवाजाही प्रभावित न हो।

केंद्र सरकार को भी घेरा

पीडीपी पर निशाना साधते हुए उमर ने कहा कि आज जो लोग यहां हमारे प्रस्ताव पर अंगुलियां उठा रहे हैं, जो राज्य के हितों और विशेष दर्ज की बात पर जोर दे रहे हैं, जब उसे बचाने का मौका था तो इन लोगों ने सत्ता के लिए समझौता किया। हमने अपने प्रस्ताव में कोई समझौता नहीं किया है। उन्होंने पांच अगस्त 2019 के केंद्र सरकार के फैसले और सभी प्रमुख नेताओं को जेल में बंद किए जाने का भी उल्लेख किया।

प्रदेश सरकार और उपराज्यपाल प्रशासन में पूरा तालमेल

जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार और उपराज्यपाल प्रशासन में पूरा तालमेल है। हमारी जिम्मेदारी है कि यहां हालात ठीक रखें और लोगों से किए वादों को पूरा कर सकें।

हालात को सामान्य बनाने के दो तरीके हैं- एक दबाव और पकड़-धकड़ का, जिसे अल्पकाल तक स्थिति ठीक रह सकती है, लेकिन स्थायी शांति के लिए जनभागीदारी जरूरी है। मैं वही दौर देखना चाहता हूं।

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पिछला अकादमिक कैलेंडर प्रताड़ित करने जैसा था

उमर ने विंटर जोन में अकादमिक सत्र को फिर नवंबर किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि विंटर जोन का अकादमिक कैलेंडर यहां अभिभावकों, शिक्षकों और छात्रों को विश्वास में लिए बगैर उन्हें प्रताड़ित करने के लिए बदला गया था। यह पांच अगस्त 2019 के फैसले का नतीजा था। लोगों की मांग थी इसे नवंबर किया जाए और मैं शिक्षामंत्री का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने नवंबर का सत्र दोबारा बहाल किया है।

जमीन पर स्थानीय लोगों का अधिकार हो

मुख्यमंत्री ने जमीन व रोजगार पर स्थानीय लोगों के अधिकार की बात की। उन्होंने कहा कि बाहर से निवेशक आएं, यहां निवेश करें, लेकिन हम उन्हें अपनी परिसंपत्तियां नहीं बेचेंगे। वह यहां आकर नया कुछ बनाएं। सलाह दी, -वाट्सएप यूनिवर्सिटी से बचें मुख्यमंत्री ने पीडीपी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस का नाम लिए बिना कहा कि मैं अपने दोस्तों को सलाह दूंगा कि वह वाट्सएप, एक्स और फेसबुक पर होने वाली प्रतिक्रिया से अपनी नीतियां न तय करें।

वाट्सएप यूनिवर्सिटी से बचें

प्रस्ताव पर जो आलोचना कर रहे हैं, वह वाट्सएप से प्रभावित होकर ही कर रहे हैं। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने भी राज्य दर्जे का यकीन दिलाया है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का भी में शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने इस संदर्भ में हमारे प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसे लेकर मैंने खुद दिल्ली में प्रधानमंत्री व अन्य केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। मेरी दिल्ली की मुलाकात का यहां कई लोगों ने मजाक बनाया, लेकिन मुझे उससे कोई गर्ज नहीं है, मुझे नतीजे से मतलब है।

विधानसभा में फिल्म शूटिंग देख दिल दुखी था

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने भाषण में जम्मू स्थित विधानसभा परिसर में एक वेब फिल्म की शूटिंग का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पांच अगस्त के बाद यहां हमारे संस्थानों को जान-बूझकर नुकसान पहुंचाया गया।

मुझे उस समय बहुत दुख हुआ जब मैंने टीवी पर एक फिल्म देखी तो मुझे लगा कि यह जगह कुछ जानी पहचानी है। जब ध्यान दिया तो वह जम्मू कश्मीर विधानसभा का सदन था। जिस कुर्सी पर स्पीकर बैठते हैं, जहां संविधान रखा जाता है, जिस स्थान पर सदस्य बैठते हैं, वहां लोगों ने पांव रख कर क्या काम किया।

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