Move to Jagran APP

जम्मू-कश्मीर में आचार संहिता खत्म, सरकार अब ले सकेगी कई अहम फैसले; इन कामों में आएगी तेजी

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद चुनाव आयोग ने प्रदेश में लागू आचार संहिता को समाप्त कर दिया है। 16 अगस्त से प्रभावी आचार संहिता के कारण सरकार कई तरह के फैसले नहीं ले पा रही थी। अब आचार संहिता समाप्त होने से सरकार ट्रांसफर पदोन्नति जैसे आदेश जारी कर सकेगी और विकास कार्यों का उद्घाटन भी कर पाएगी।

By Sushil Kumar Edited By: Sushil Kumar Updated: Thu, 10 Oct 2024 07:58 PM (IST)
Hero Image
जम्मू-कश्मीर में आचार संहिता खत्म, सरकार अब ले सकेगी कई अहम फैसले।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न होने पर प्रदेश में प्रभावी आचार संहिता वीरवार से समाप्त हो गई। जम्मू कश्मीर में 16 अगस्त को विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो गई थी।

भारतीय चुनाव आयोग ने वीरवार को जम्मू कश्मीर में अचार संहिता समाप्त होने संबंधी आदेश जारी कर दिया। इस संबंध में भारतीय चुनाव आयोग के वरिष्ठ प्रमुख सचिव नरेन्द्र एन बुटाेलिया ने जम्मू कश्मीर के मुख्यसचिव व मुख्य निर्वाचन अधिकारी व वीरवार इस संबंध में पत्र लिखकर सूचित किया। प्रदेश में तीन चरणों के चुनाव के चलते करीब दो महीने तक आचार संहित रही।

चुनाव की घोषणा के साथ लगी थी ब्रेक 

भारतीय चुनाव आयोग के वरिष्ठ प्रमुख सचिव नरेन्द्र एन बुटाेलिया ने आचार संहित खत्म होने संबंधी पत्र में लिखा है कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित कर दिए हैं। आचार संहिता चुनाव की घोषणा से लेकर चुनाव की प्रक्रिया खत्म होने तक प्रभावी रहती है। ऐसे में अब तत्काल प्रभाव से जम्मू कश्मीर में आचार संहिता समाप्त हो गई है।

इन कामों पर लगी थी ब्रेक

इसी बीच आचार संहिता समाप्त होने के साथ जम्मू कश्मीर में सरकार ट्रांसफरें, पदोन्नति जैसे आदेश जारी करने के साथ नीव पत्थर व उद्घघाटन जैसे कार्यक्रम कर पाएगी। पहले जम्मू कश्मीर में सरकार वहीं ट्रांसफरें कर सकती थी जिन्हें करने के लिए भारतीय चुनाव आयोग द्वारा अनुमति दी जाती थी। ऐसे में अब जम्मू कश्मीर में सरकार के कामकाज में तेजी आना तय है।

आचार संहिता लगने के बाद क्या होता है

आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी सत्ताधारी दल सरकारी योजनाएं, लोकार्पण, शिलान्यास या भूमि पूजन भी नहीं कर सकता है।

इसके साथ ही सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रसार के लिए नहीं किया जा सकता है।

यदि कोई राजनीतिक पार्टी चुनावी रैली या जुलूस निकालना चाहती है, तो उसे सबसे पहले पुलिस से अनुमति लेना अनिवार्य होता है।

कोई भी राजनीतिक दल जाति या धर्म के आधार पर वोट नहीं मांग सकता है और न ही इस तरह की गतिविधि में शामिल होगा।

चुनाव प्रचार के दौरान किसी भी व्यक्ति की जमीन या घर या कार्यालय की दीवार पर उसकी अनुमति के बिना पोस्टर, बैनर या झंडा नहीं लगाया जा सकता है।

यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में भी खेला! नेशनल कॉन्फ्रेंस को मिल सकते हैं 4 और विधायक, अपने दम पर बना सकती है सरकार

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें