नेकां के साथ तालमेल से रहेगी कांग्रेस, सदन में प्रमुखता से उठाएगी राज्य के दर्जे, दरबार मूव और बेरोजगारी के मुद्दे
जम्मू-कश्मीर की पहली विधानसभा के सत्र में कांग्रेस अपनी सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस के साथ तालमेल से रहेगी। जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करवाने दरबार मूव पर नेकां का साथ ही नहीं देगी बल्कि इन दोनों मुद्दों को प्रमुखता से उठाएगी। बेरोजगारी महंगाई प्री पेड बिजली मीटर जैसे मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाएगी। आतंकी हमले के मुद्दे भी गूजेंगे।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की पहली विधानसभा के सत्र में कांग्रेस अपनी सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस के साथ तालमेल से रहेगी। जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करवाने, दरबार मूव पर नेकां का साथ ही नहीं देगी, बल्कि इन दोनों मुद्दों को प्रमुखता से उठाएगी।
सत्र से पहले आज रविवार को श्रीनगर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान तारिक हमीद करा की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें सभी चुने हुए विधायकों ने भाग लिया। करा को मिलाकर कांग्रेस के छह विधायक हैं। कांग्रेस ने चुनाव पूर्व नेकां के साथ समझौता किया है।
मुखर होगा कांग्रेस का रवैया
पार्टी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अपने आप को विवादास्पद मुद्दों से दूर रखेगी। अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर पार्टी का सतर्क रवैया होगा लेकिन जम्मू कश्मीर का राज्य दर्जा बहाल करवाने के मुद्दे पर कांग्रेस का रवैया मुखर होगा। करा ने विधायकों से कहा कि वे सदन में आपसी एकजुटता दिखाएं साथ में नेकां का समर्थन करें। ऐसी स्थिति पैदा न हो जिससे भाजपा को हावी होने का मौका मिल जाए।इन मुद्दों को उठाया जाएगा
कांग्रेस फिलहाल सरकार का हिस्सा नहीं है और जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा मिलने तक उसने मंत्रिमंडल से बाहर रहने का फैसला किया है। यह भी कहा गया कि अगर कोई विवादास्पद मुद्दा आता है तो उस पर हाईकमान से विचार विमर्श करके ही अपनी बात रखी जाए। उपराज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस बेरोजगारी, महंगाई, प्री पेड बिजली मीटर जैसे मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाएगी।
आतंकी हमले के मुद्दे भी गूजेंगे
कोशिश होगी कि जन हित के मुद्दों को उठाया जाए ताकि अधिक से अधिक लोगों के बीच आवाज जाए। आज हुई बैठक में जम्मू कश्मीर में लगातार खराब हो रहे सुरक्षा हालात पर चर्चा की गई। लगातार बढ़ रहे आतंकी हमलों के मुद्दे को भी विधानसभा में उठाया जाएगा।करा ने गत दिवस सवाल उठाया था कि चुनाव से पहले हालात ठीक थे, चुनाव भी शांतिपूर्ण तरीके से हो गए लेकिन चुनाव के बाद ही हमलों में तेजी क्यों आई है। उन्होंने आतंकी हमलों की स्वतंत्र जांच करवाए जाने की मांग भी की है। विधानसभा में प्रमुख रूप से तारिक हमीद करा और गुलाम अहमद मीर वरिष्ठ नेता होने के नाते पार्टी की बात को रखेंगे।
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