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कश्मीर में हिजाब पर विवाद: आतंकी संगठन टीआरएफ ने स्कूल प्रिंसिपल को जान से मारने की दी धमकी

Jammu श्रीनगर में विश्व भारती स्कूल की कुछ छात्राओं ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया है कि उन्हें हिजाब और बुर्का पहनने से मना किया गया है। आतंकी संगठन टीआरएफ ने इस प्रदर्शन के बाद स्कूल प्रिंसिपल को जान से मारने की धमकी दी है।

By Jagran NewsEdited By: MOHAMMAD AQIB KHANUpdated: Thu, 08 Jun 2023 04:12 PM (IST)
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कश्मीर में हिजाब पर विवाद: आतंकी संगठन टीआरएफ ने स्कूल प्रिंसिपल को जान से मारने की दी धमकी : जागरण

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: श्रीनगर के रैनावारी स्थित विश्व भारती स्कूल की कुछ छात्राओं ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया है कि उन्हें हिजाब और बुर्का पहनने से मना किया गया है। आतंकी संगठन टीआरएफ ने इस प्रदर्शन के बाद स्कूल प्रिंसिपल को जान से मारने की धमकी दी है।

स्कूल प्रबंधन द्वारा छात्राओं को सिर्फ स्कूल की वर्दी के रंग के मुताबिक सफेद अबैया पहनने का आग्रह कश्मीर में राजनीतिक- धार्मिक विवाद का मुद्दा बन गया है। राजनीतिक दलों ने इसे जहां मजहबी मामलों में हस्ताक्षेप और मुस्लिमों के प्रति आघात बताना शुरु कर दिया है, वहीं आतंकी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट टीआरएफ ने संबधित स्कूल की प्रिंसिपल को मौत के घाट उतारने की धमकी दी है।

प्रदेश भाजपा संगठन महामंत्री अशोक कौल ने कहा कि कौन क्या पहने और क्या न पहने, यह किसी दूसरे के द्वारा नहीं बल्कि किसी व्यक्ति का निजी ही फैसला होना चाहिए। स्कूल प्रिंसिपल ने भी विवाद को अनावश्यक बताते हुए कहा कि किसी को भी अबैया पहनने से मना नहीं किया गया है बल्कि इतना कहा गया कि अबैया सादा और एक स्कूल की वर्दी के रंग के मुताबिक सफेद होना चाहिए।

ग्रीष्मकालीन राजधानी के रैनावारी इलाके में स्थित विश्व भारती हायर सैकेंडरी स्कूल की कुछ छात्राओं ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। इन छात्राओं ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन ने उन्हें हिजाब और अबैया पहनने से मना किया है। स्कूल प्रबंधन ने कहा है कि अगर हिजाब ही पहनना है तो किसी मदरसे में जाकर दाखिला ले लो, स्कूल में अगर आना है तो हिजाब के बिना ही आना होगा।

नारेबाजी कर रही एक छात्रा ने कहा कि हमारे स्कूल में लड़के भी पढ़ते हैं और वह वहां क्या हरकते करते हैं , यह हम सभी जानते हैं,लेकिन उन्हें कोई नहीं रोकता। मुझे हिजाब से मना किया जा रहा है, मैं हिजाब नहीं छोड़ सकती। स्कूल प्रबंधन को किसने हक दिया है कि वह हमें हिजाब पहनने से मना करे। छात्राओं के इस प्रदर्शन की खबर फैलते ही मामला राजनीतिक रंग पकड़ गया।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक शिक्षण संस्थान द्वारा छात्राओं के हिजाब पर पाबंदी लगाना जम्मू कश्मीर में मुस्लिमों की प्रताड़ना की नीति का हिस्सा है।यह निंदाजनक है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में भी यही हुआ और भाजपा अब कश्मीर में वैसा ही कुछ करना चाहती है। यह कश्मीरी मुस्लिमों पर हिंदुत्व की विचारधारा थोपने का षडयंत्र है।

केंद्र सरकार कश्मीर के मुस्लिम बहुसंख्यक चरित्र को बदलना चाहती है, वह हमारे मौलिक अधिकारियों पर आघात कर रही है। वह हमारे मजहबी मामलेां में हस्ताक्षेप कर रही है जो असहनीय है। हम किसी भी तरह से जम्मू कश्मीर को हिदुत्व के प्रयोग के लिए प्रयोगशाला नहीं बनने देंगे। नेशनल कान्फ्रेन्स के प्रमुख प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा कि हिजाब पहनना या न पहनना किसी भी महिला का निजी अधिकार और इसमें किसी का हस्ताक्षेप नहीं चाहिए।

हिजाब पर स्कूल प्रबंधन की रोक धार्मिक मामलों में हस्ताक्षेप है और जम्मू कश्मीर जैसे मुस्लिम बहुल राज्य में ऐसा होना अफसोसजनक है। हम इसका विरोध करते हैं। मैं उपराज्यपाल से आग्रह करता हूं कि वह इस मामले को तुरंत हल करे,क्योंकि यह हालात बिगाड़ सकता है।

भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री अशोक कौल ने कहा कि छात्राओं का समर्थन करते हुए कहा कि हिजाब पर पाबंदी सही नही है, कौन क्या पहने और क्या न पहने, यह उसी व्यक्ति या महिला को तय करना है, किसी दूसरे या तीसरे को नहीं। छात्राें को उनकी पंसद के मुताबिक कपड़ा पहनने का हक होना चाहिए।

जम्मू कश्मीर के मुफ्ती ए आजम मुफ्ती नासिर उल इस्लाम ने कहा कि हिजाब पहनने से छात्राओं को रोकना सीधा हमारे धार्मिक मामलों में हस्ताक्षेप है। छात्राओं को हिजाब और बुर्का पहनना चाहिए यह उनके मान सम्मान के लिए जरुरी है।

इस बीच, आतंकी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट टीआरएफ भी इस मामले में शाामिल हो गया है। उसने हिजाब के लिए छात्राओं के प्रदर्शन को सही ठहराते हुए कहा कि भारत सरकार जम्मू कश्मीर विशेषकर कश्मीर का भगवाकरण करना चाहती है। उसने विश्व भारती स्कूल को आरएसएस का एक संस्थान बताते हुए कहा कि इस स्कूल मे या फिर अमीराकदल गल्र्ज हायर सैकेंडरी में जो हुआ है, वह यहां हिंदुत्व की विचारधारा को लागू करने का संकेत है।

टीआरएफ के लोग आरएसएस की मानसिकता से प्रभावित अध्यापकों और अन्य स्टाफ पर नजर रखे हुए हैं। उन्हें रजनी बाला और उस जैसे अन्य शिक्षकों को नहीं भूलना चाहिए। इसलिए संबधित अध्यापक अपना पक्ष साफ रखें अन्यथा उस समय न रोएं जब खून बहे।

विश्वभारती स्कूल की प्रभारी प्रिंसिपल मेमरोज शफी ने कहा कि हमने किसी को हिजाब से नहीं रेाका है। कुछ छात्राएं रंग बिरंगे हिजाब पहनकर, स्कूल आ रही हैं। उनसे कहा गया था कि वह सादा हिजाब और स्कूल की वर्दी के रंग के मुताबिक सिर्फ सफेद हिजाब पहनकर आएं।

इसके अलावा इनसे कहा गया था कि अगर वह सफेद हिजाब या बुर्कानहीं पहनना चाहती तो जिस भी रंग का हिजाब पहनें उसके नीचे स्कूल की वर्दी जरुर होनी चाहिए। अगर इससे किसी को ठेस पहुंची है तो उसके लिए हम माफी चाहते हैं।