Srinagar News: 'सीमा पार घुसपैठ सुरक्षाबलों के लिए चुनौती लेकिन नियंत्रण में स्थिति', अवंतीपोरा में बोले डीजीपी आर आर स्वैन
लोक शिकायत निवारण कार्यक्रम के दौरान डीजीपी आर आर स्वैन ने सीमा पार घुसपैठ को लेकर कहा कि जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से घुसपैठ सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है लेकिन सुरक्षा स्थिति अभी नियंत्रण में हैं। पुलिस प्रमुख लोक शिकायत निवारण कार्यक्रम के चलते अवंतीपोरा पहुंचे थे। डकैती घरेलू हिंसा और भूमि विवाद जैसी कई मामलों में उन्होंने सुनवाई की।
पीटीआई, श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतीपोरा में एक लोक शिकायत निवारण कार्यक्रम के दौरान डीजीपी आर आर स्वैन ने सीमा पार घुसपैठ को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से घुसपैठ सुरक्षाबलों के लिए एक चुनौती बनी हुई है, लेकिन सुरक्षा स्थिति नियंत्रण में है। सुरक्षा का सबसे बड़ा पहलू कानून और व्यवस्था है और हमें लगता है कि हम सड़कों आदि पर सार्वजनिक व्यवस्था को नियंत्रित करने में सक्षम हैं।
सीमा पार घुसपैठ सुरक्षा के लिए चुनौती: स्वैन
डीजीपी आर आर स्वैन ने कहा कि सीमा पार से घुसपैठ सुरक्षा बलों के लिए एक चुनौती है कि कुछ आतंकवादी बाहर से आ रहे हैं और वे घुसपैठ कर रहे हैं और फिर यहां कुछ लोगों के साथ मिलकर माहौल खराब करने की कोशिश करते हैं। यह एक चुनौती है, जिसे हम एक अलग नजरिए से देखते हैं।
ये भी पढ़ें: Jammu Kashmir Voter List 2024: जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची जारी, इस बार इतने लाख लोग देंगे वोट; 86 हजार मतदाताओं के कटे नाम
डीजीपी आर आर स्वैन ने कहा कि हम इसे इस तरह से देखते हैं कि हमारे अपने लड़के उनके साथ नहीं जुड़ रहे हैं या उनमें से कम संख्या में हैं। कुछ लोग उनके साथ हो सकते हैं, लेकिन जनता का बहुमत नहीं है। जब हम कहते हैं तो हम इसे ध्यान में रखते हैं। सुरक्षा (स्थिति) पर नियंत्रण है।
समस्या की 90 फीसदी जड़ बाहर: DGP
केंद्र शासित प्रदेश में लक्षित हमलों के बारे में पूछे जाने पर जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख ने कहा कि समस्या की लगभग 90 प्रतिशत जड़ और उत्पत्ति बाहर है। बाहर बैठा एक पाकिस्तानी किसी तरह घुसपैठ करके या सुरंग खोदकर यहां आता है और फिर हमसे लड़ता है। यह एक चुनौती है। हालांकि उनकी संख्या अब कम है, लेकिन यह एक चुनौती है।उन्होंने कहा कि सीमा पार से घुसपैठ पुंछ-राजौरी और कुछ हद तक यहां भी एक चुनौती है। माहौल धीरे-धीरे सुधारने पर हम इसे नियंत्रित करने में सक्षम होंगे और हमें उम्मीद है कि लोग खुद उन्हें हमें सौंप देंगे। यह दक्षिण कश्मीर में डीजीपी का पहला लोक शिकायत निवारण कार्यक्रम था। उन्होंने जम्मू क्षेत्र के अलावा उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा और श्रीनगर में भी ऐसे कार्यक्रमों को संबोधित किया है। कार्यक्रम में डकैती, घरेलू हिंसा और भूमि विवाद जैसी कई शिकायतों के साथ लोग बड़ी संख्या में पहुंचे।
ये भी पढ़ें: Jammu: लद्दाख को मिले राज्य का दर्जा, गृह मंत्रालय को भेजा प्रस्ताव; छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।