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Jammu Kashmir News: अब राजौरी-पुंछ भी बनेगा अलग केंद्र शासित प्रदेश? इस भाजपा नेता ने उठाई आवाज

जम्मू-कश्मीर के राजौरी-पुंछ क्षेत्र को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग उठी है। भाजपा नेता चौधरी जुल्फिकार अली ने इस क्षेत्र की अनदेखी का आरोप लगाते हुए यह मांग की है। उनका कहना है कि नेकां-कांग्रेस गठबंधन ने इस बार भी इस क्षेत्र में आठ में से छह सीटें जीती हैं लेकिन वह न्याय नहीं करेगी। इसलिए लोगों को लद्दाख की तरह एकजुट होकर आंदोलन करना होगा।

By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Wed, 16 Oct 2024 08:54 AM (IST)
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चौधरी जुल्फिकार अली ने राजौरी-पुंछ को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की। (फोटो- ANI)

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। अपने अधिकारों के लिए अब पीरपंजाल क्षेत्र से आवाज उठने लगी है। पिछले 70 वर्षों से कश्मीर दलों पर राजौरी-पुंछ जिलों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता चौधरी जुल्फिकार अली ने इस क्षेत्र को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग उठाई है।

जुल्फिकार ने कहा कि इस बार भी नेकां-कांग्रेस गठबंधन ने इस क्षेत्र में आठ में से छह सीटें जीती हैं, लेकिन वह न्याय नहीं करेगी। इसलिए राजौरी-पुंछ के लोगों को लद्दाख की तरह एकजुट होकर राजौरी-पुंछ को अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनवाने के लिए आंदोलन करना होगा।

समर्थकों की बैठक में की मांग

उन्होंने लोगों से कहा कि हमने राजौरी-पुंछ के लिए केंद्र शासित प्रदेश के मिशन की शुरुआत कर दी है और हम इसमें कामयाब होकर रहेंगे। बुधवार को नेकां के विधायक दल के नेता उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में बनने जा रही केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर की पहली निर्वाचित सरकार के शपथ ग्रहण समारोह से पहले जुल्फिकार की मांग से सियासत तेज हो गई है। चौधरी जुल्फिकार ने राजौरी-पुंछ के लिए अलग केंद्र शासित प्रदेश की मांग गत रविवार को राजौरी जिला मुख्यालय में स्थित डाक बंगला में अपने समर्थकों की एक बैठक में की।

इस क्षेत्र की 6 सीटों पर नेकां-कांग्रेस को जीत

बता दें कि राजौरी-पुंछ जिलों में आठ विधानसभा क्षेत्रों में से छह पर नेकां-कांग्रेस को जीत मिली है। एक निर्दलीय और एक सीट भाजपा के खाते में आई है। निर्दलीय भी अब नेकां का समर्थन कर रहा है। पूर्व में भी इस क्षेत्र पर कश्मीर केंद्रित दलों को प्रतिनिधित्व अधिक रहा है। जुल्फिकार ने हाल ही में बुद्धल से चुनाव लड़ा और हार गए। हालांकि वर्ष 2008 और 2014 के विधानसभा चुनाव में वह पीडीपी के टिकट पर दो बार विधायक बने हैं।

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पीडीपी-भाजपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं जुल्फिकार

वह पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे। उनके पिता चौधरी मोहम्मद हुसैन भी पांच बार विधायक रह चुके हैं और एक बार मंत्री भी। जुल्फिकार जम्मू-कश्मीर में विशेषकर राजौरी-पुंछ में गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के प्रभावशाली नेताओं एक गिने जाते हैं। उन्होंने 2020 में पीडीपी से नाता तोड़ा था और कुछ समय तक जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी का हिस्सा रहने के बाद वह विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे। उन्हें नेकां के जावेद इकबाल ने 18,908 वोट के अंतर से हराया है।

जम्मू-कश्मीर को बांटने के भाजपा के षड्यंत्र के तहत ही जुल्फिकार ने राजौरी-पुंछ को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की है। वह एक जनांदोलन चलाने की बात कर रहे हैं, उन्होंने यह मांग विधानसभा चुना से पहले क्यों नहीं की। भाजपा को उनके बयान पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

-इमरान नबी डार, नेकां के प्रवक्ता

जुल्फिकार की मांग से राजनीति गरमाई

  • कहा- यहां से आठ से छह सीट जीतने वाली नेकां-कांग्रेस अब भी क्षेत्र से न्याय नहीं करेगी।
  • पूर्व में भी इस क्षेत्र पर कश्मीर केंद्रित दलों को अधिक रहा है प्रतिनिधित्व।
  • शपथ ग्रहण समारोह से पहले सियासत गर्म, नेकां-कांग्रेस ने भाजपा को घेरा।

भाजपा ने किया किनारा

भाजपा के संगठन महामंत्री अशोक कौल ने कहा कि हमें नहीं पता कि चौधरी जुल्फिकार ने क्या कहा है। भाजपा जम्मू-कश्मीर की एकजुटता में विश्वास रखती है। हम सभी को साथ लेकर चलने में और सबका साथ-सबका विकास में यकीन रखते हैं।

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