'पांच सालों में बदली जम्मू-कश्मीर की तस्वीर, जीरो नंबर पर हमें गर्व...दीक्षांत समारोह में बोले DG दिलबाग सिंह
पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने शनिवार को कहा कि बीते पांच वर्ष में जम्मू कश्मीर में हालात पूरी तरह बदल गई है। बीते पांच वर्ष में जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था के संकट की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। सिलिसलेवार हड़ताल और बंद पूरी तरह बंद हो चुके हैं। आज जम्मू कश्मीर शांति और विकास के पथ पर अग्रसर है।
By naveen sharmaEdited By: Preeti GuptaUpdated: Sat, 28 Oct 2023 03:43 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। Jammu-Kashmir News: पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने शनिवार को कहा कि बीते पांच वर्ष में जम्मू कश्मीर में हालात पूरी तरह बदल गई है।
अब आतंकी हिंसा, कानून व्यवस्था की स्थिति के संकट और कानून व्यवस्था की स्थित में नागरिक मौतें अब पूरी तरह से जीरो (शून्य )हो चुकी हैं। इस उपलब्धि को प्राप्त करने के लिए जहां पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने दिनरात मेहनत की है। वहीं आम जनता ने भी पूरा सहयोग किया है। आज जम्मू कश्मीर शांति और विकास के पथ पर अग्रसर है।
'जीरों नंबर' पर हम कर सकते हैं गर्व- पुलिस महानिदेशक
आज दक्षिण कश्मीर के लेथपोरा, पुलवामा में स्थित कमांडों ट्रेनिंग सेंटर में 307 प्रशिक्षुओं की दीक्षांत परेड को संबोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि बीते पांच वर्ष में जम्मू कश्मीर में एक अंक बहुत लोकप्रिय हुआ है।जीरो नंबर पर हम गर्व सकते हैं,क्योंकि बीते पांच वर्ष में जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था के संकट की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। सिलिसलेवार हड़ताल और बंद पूरी तरह बंद हो चुके हैं। कानून व्यवस्था की स्थिति में होने वाली नागरिक मौतों की बात करें तो भी जीरो ही हैं।
आतंकियों की भर्ती हुई समाप्त
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि आतंकी हिंसा जिसके कारण हमारा प्रदेश काफी बदनाम था, आज लगभग खत्म हो चुकी है। आतंकियों की भर्ती समाप्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि बीते पांच वर्ष का रिपोर्ट कार्ड देखा जाए तो आज जम्मू कश्मीर में हालात पूरी तरह से बदल गए हैं।आतंकरोधी दलों से लैस किए जा रहे पुलिस थाने
दिलबाग सिंह ने कहा कि ओसीडी (ऑप्रेशन कैपेसिटी बिल्डिंग) का उल्लेख करते हुए कहा कि 43 पुलिस थानों को अत्याधुनिक साजो सामान और आतंकरोधी दलों से लैस किए जा रहे हैं। पहले चरण में हमने 21 पुलिस थानों को ओसीडी के तहत अत्याधुनिक हथियार, आवश्यक ढांचागत सुविधाएं और आतंकरोधी अभियानों के संचालन के लिए विशेष दस्ते प्रदान किए जा चुके हैं। आज यहां से प्रशिक्षण पूरा करने वाले इन 307 अधिकारियों व जवानों को शेष 22 पुलिस थानों मेंं तैनात किया जाएगा।
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