'चिंता मत करना अगले साल अपना पक्का...', पत्नी से यही वादा कर ड्यूटी पर गए थे बलिदानी राकेश, पल भर में बिखर गया सपनों का आशियाना
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए पैरा कमांडो राकेश कुमार ने अपनी पत्नी से अगले साल घर बनाने का वादा किया था। लेकिन शनिवार देर रात उनके बलिदान की खबर ने सपनों का आशियाना पूरी तरह से बिखेर दिया। आतंकियों की तलाश में सुरक्षाबलों का अभियान जारी है। एलजी ने राकेश कुमार के बलिदान पर शोक व्यक्त किया है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। किश्तवाड़ में केशवान के जंगलों में आतंकियों को मार गिराने के लिए सुरक्षाबलों ने सोमवार को अपना अभियान और तेज कर दिया है। रविवार को इस जंगल में छिपे आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना की स्पेशल फोर्स के पैरा कमांडो राकेश कुमार बलिदान हो गए थे। सुरक्षाबलों के जवान आतंकवादियों की तलाश में चार दिनों से अधिक समय से वन क्षेत्र को खंगाल रहे हैं।
इन आतंकियों ने सात नवंबर को को दो ग्राम रक्षा गार्डों (वीडीजी) का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी थी। अधिकारियों ने कहा है कि हत्याओं में शामिल तीन से चार आतंकी अभी भी इस इलाके में छिपे हुए हैं और उन्हें मार गिराने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। घने जंगल और चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियां आतंकियों की तलाश में सुरक्षाकर्मियों के लिए एक चुनौती बनी हुई है।
बलिदानी राकेश ने पत्नी से किया था अगले वर्ष घर बनाने का वादा
'भानु चिंता मत करना, अगले साल जनवरी में मकान का काम शुरू कर दूंगा। फिर हमारा अपना पक्का घर होगा।' पत्नी से यही वादा करके ही मंडी के बरनोग गांव के पैरा कमांडो नायब सूबेदार राकेश कुमार डेढ़ माह पहले ड्यूटी पर गए थे। पिछले वर्ष प्राकृतिक आपदा में घर ध्वस्त हो गया था। सरकारी नौकरी में होने के कारण उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया था।पत्नी भानु प्रिया, दोनों बच्चों यशस्वी व प्रणव को विश्वास था कि राकेश जनवरी में छुट्टी आएंगे और उसके बाद घर का काम शुरू हो जाएगा। शनिवार देर रात जब जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में उनके बलिदान होने की सूचना मिली तो सपनों का आशियाना पूरी तरह से बिखर गया।
मोक्ष धाम में होगा अंतिम संस्कार
पैरा कमांडो नायब सूबेदार राकेश कुमार की अंत्येष्टि मंगलवार को राजकीय व सैन्य सम्मान के साथ धर्मद्वारा स्थित मोक्ष धाम में होगी। जम्मू से पार्थिव देह सोमवार दोपहर दो बजे के करीब सेना के हेलीकॉप्टर से मंडी पहुंची। यहां से सेना के वाहन में बलिदानी के घर तक पहुंचाने में कम से कम दो से तीन घंटे का समय लगना था।शासन व सेना के अधिकारियों ने इस बात को लेकर बलिदानी के भाई कर्म ¨सह से बात की। इसके बाद अंतिम संस्कार मंगलवार सुबह करने पर सहमति बनी। पार्थिव देह नेरचौक मेडिकल कालेज के शवगृह में रखी गई।
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