कभी ज्यादा बारिश तो कभी एकदम सूखा, मौसम की बेरुखी से प्रभावित हुई सेब की फसल; MSP की मांग करे रहे बागवान
मौसम की बेरुखी और विदेश से सेब आयात पर कर में कटौती से कश्मीर में सेब (Apple Season in Jammu-Kashmir) उत्पादक परेशान हो रहे हैं। उत्पादन में 40 प्रतिशत तक की कमी आयी है और मंडियों में दाम भी पर्याप्त नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में सभी बागवान परेशान हैं और वह न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग कर रहे हैं।
By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Fri, 27 Oct 2023 08:22 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। Jammu-Kashmir News: मौसम की बेरुखी और विदेश से सेब आयात पर कर में कटौती से कश्मीर में सेब (Apple Season in Jammu-Kashmir) उत्पादक परेशान हो रहे हैं। उत्पादन में 40 प्रतिशत तक की कमी आयी है और मंडियों में दाम भी पर्याप्त नहीं मिल रहे हैं, क्योंकि सेब की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है।
सेब उत्पादक अब प्रदेश प्रशासन ने उम्मीद लगाए हुए हैं कि उन्हें सेब के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान किया जाएगा, लेकिन बागवानी विभाग के योजना एवं विपणन विंग के पास ऐसी कोई योजना नहीं है।
मौसम में बदलाव से प्रभावित हुई सेब की गुणवत्ता और उत्पादकता
मोहम्मद युसुफ गड्डा ने कहा कि इस वर्ष मौसम हमारे लिए अनुकूल नहीं रहा है। कभी अचानक तापमान बढ़ गया तो कभी बारिश हो गई। जब बारिश चाहिए थी,तब सूखा रहा। इससे सेब का उत्पादन और गुणवत्ता दोनों प्रभावित हुई हैं।
पुलवामा के सेब उत्पादक शाहिद ने कहा कि जब सेब को गर्मी चाहिए थी,तब यहां तापमान सामान्य से नीचे चला गया और जब उसे नमी चाहिए थी,तब यहां सूखा रहा और तापमान भी सामान्य से ऊपर चला गया। सामान्य तौर पर जिस बाग में मुझ जैसे लोग एक हजार पेटी सेब उगाते थे, वहां इस वर्ष 300-400 पेटी सेब निकला है।
स्कैब का शिकार हुई सेब की फसल
उत्तरी कश्मीर में सेबों की टोकरी के नाम से विख्यात सोपोर के सेब उत्पादक जहूर अहमद ने कहा कि इस बार सेब के पौधों पर बौर आने से लेकर फल के तैयार होने तक मौसम पूरी तरह से प्रतकूल रहा है।
फरवरी से मार्च तक मौसम सूखा रहा है इसके बाद यहां अगले दो माह तक रुक रुक कर बारिश का दौर चला। अचानक गर्मी पड़ने और फिर बारिश होने और बारिश के बाद एक बार फिर तेजी से तापमान बढ़ने के कारण कई जगह सेब की फसल स्कैब का शिकार हुई है।
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