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सात सालों से सूनी पड़ी है श्रीनगर की जामा मास्जिद, ऐसा क्या हुआ कि प्रशासन ने यहां नमाज पढ़ने पर लगाई रोक

Srinagar Jama Masjid श्रीनगर की ऐतहासिक जामा मस्जिद में आज भी सामूहिक नमाज अदा करने पर प्रतिबंध है। प्रशासन ने यहां नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी है। इस बार भी मुस्लिम समुदाय यहां नमाज अदा नहीं कर पाए। मस्जिद के प्रबंध निकाय के मुताब‍िक पिछले सात सालों से इस मस्जिद में आज भी सामूहिक नमाज पर रोक लगाई हुई है।

By Himani SharmaEdited By: Himani SharmaUpdated: Thu, 29 Jun 2023 04:29 PM (IST)
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सात सालों से सूनी पड़ी है श्रीनगर की जामा मास्जिद
श्रीनगर, ऑनलाइन डेस्‍क। Eid-Al-Adha: श्रीनगर के ऐतहासिक जामा मस्जिद पर सात सालों से सामूहिक नमाज नहीं पढ़ी जा रही है। प्रशासन ने यहां नमाज अदा करने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इस बार भी नमाज अदा करने की अनुमति नहीं मिली है। मस्जिद के प्रबंध निकाय के मुताब‍िक पिछले सात सालों से इस मस्जिद में आज भी सामूहिक नमाज पर रोक लगाई हुई है। चलिए जानते हैं कि आखिर क्‍यों सात सालों से मस्जिद सूनी पड़ी है।

क्‍यों लगा था प्रतिबंध

कई वर्षों पहले हुए हादसे के बाद यहां पर नमाज पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हिजबुल के तत्‍कालीन कमांडर बुरहान वानी की हत्‍या के बाद से नमाज नहीं हुई है। इसकी वजह है कि अधिकारियों को कानून-व्‍यवस्‍था जारी होने की आशंका है। वानी की हत्‍या के बाद से घाटी में कई म‍हीनों तक विराध प्रदर्शन भी हुआ था। उसके बाद से श्रीनगर की जामा मस्जिद में ईद की नमाज पर प्रतिबंध लग गया था।

बता दें कि वानी जो आतंकवाद का पोस्‍टर बॉय था। ईद-अल-फितर के तीन दिन बाद 8 जुलाई, 2016 में वानी सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। उसके बाद से ईदगाह पर मानों ग्रहण लग गया था। 2016 के बाद से वहां कोई भी सामूहिक नमाज नहीं की गई है।

वहीं अंजुमन ने मीरवाइज-ए-कश्मीर, मोहम्मद उमर फारूक की निरंतर हिरासत की भी निंदा की, जो पारंपरिक रूप से ईद की नमाज से पहले जामा मस्जिद में ईद का उपदेश देते हैं। मीरवाइज 5 अगस्त, 2019 से घर में नजरबंद हैं, जब केंद्र ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया था।

पहले भी हुआ था घमासान

हालांकि कुछ दिन पूर्व घाटी में जामा मस्जिद पर बैन हटाने की भी बात कही गई थी। वहीं अब घाटी में धारा 370 हटने के बाद स्थिति सामान्य होने का दावा किया जा रहा है, जिसके बाद सामूहिक नमाज का ऐलान किया गया था।

जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रशासन ने साफ कहा है कि घाटी में शांति है, लेकिन हम किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठा सकते। शांति का हवाला देते हुए प्रशासन ने सामूहिक नमाज की अनुमति नहीं दी और दरगाह पर ताला लगाने के आदेश जारी कर दिए। प्रशासन के इस आदेश के बाद से ही घाटी में तनावपूर्ण माहौल शुरू हो गया था।

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